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प्लीज…..सफाई का रखें ध्यान, इधर-उधर थूक कर नहीं करें गंदगी

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Movement against spitting

Movement against spitting

अजमेर.

आप इधर-उधर थूक कर गंदगी ना फैलाएं। आप थूककर गंदगी के साथ-साथ बीमारियों को भी न्यौता देते हैं...जल्द कॉलेज और विश्वविद्यालय के नौजवान कुछ ऐसी ही सीख देते नजर आएंगे। यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपने जा रहा है। व्यर्थ थूकने से रोकथाम से जुड़ा यह अभियान देश भर में चलेगा।

सामान्यत: सार्वजनिक पार्क, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सरकारी अथवा निजी अस्पताल, गलियां- सडक़, घरों के आसपास अथवा दुकानों-भवनों के निकट लोग थूकते देखे जा सकते हैं। इनमें पान-गुटखा, सुपारी खाने वाले लोग ज्यादा होते हैं।

इसके अलावा श्वास और दमा पीडि़त, जुखाम-बुखार-कफ पीडि़त रोगी भी इधर-उधर थूकते रहते हैं। पूरे देश में गंदगी और बीमारियां बढ़ाने में इनका सर्वाधिक योगदान है। कई बार रोकने-टोकने और जुर्माना लगाने के बावजूद व्यर्थ थूकने का सिलसिला कम नहीं हुआ है।

युवा फैलाएंगे जागरुकता

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी ने थूकने से होने वाली गंदगी के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाने का फैसला किया है। सचिव प्रो. रजनीश जैन ने बताया कि व्यर्थ थूकना वास्तव में बीमारियां बढ़ाने के अलावा गंदगी का पर्याय है। सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय में युवाओं को जन जागरुकता अभियान के लिए प्रेरित किया जाएगा। संस्थाएं यह अभियान नियमित चलाएंगी।

यह होंगे कार्यक्रम

-स्वच्छता संदेश देने के लिए रैली-लोगों को सही स्थान पर थूकने की जानकारी देना

-थूकने से होने वाले नुकसान बताना-गुटखा

-जर्दा से होने वाले रोगों के बारे में बताना

-विभिन्न देशों की स्वच्छता जानकारी देना

-थूकने के खिलाफ अभियान चलाना

-सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर और स्टिकर लगाना

तो बंद हो जाएगी राजस्थान की सबसे खास परीक्षा

भविष्य में प्री. बीएड परीक्षा को लेकर सरकार को जल्द विचार करना पड़ेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वर्ष 2019 से दो साल के बीएड को खत्म कर चार वर्षीय एकीकृत टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम लागू करने की योजना बनाई गई है। इसकी कॉलेज में बारहवीं के बाद शुरूआत होगी। लेकिन दाखिला प्रक्रिया को लेकर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है। प्रदेश सरकार भी मंत्रालय के निर्देशों के बगैर जल्द फैसले के मूड में नहीं है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में चार वर्षीय एकीकृत टीचर्स ट्रेनिंग कार्यक्रम लागू करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार वर्ष 2019 से इसकी शुरुआत करना चाहती है। प्रस्तावित कोर्स में विद्यार्थियों को बीए, बीएससी और बी.कॉम पाठ्यक्रमों की तरह कॉलेज में दाखिले मिलेंगे। तय नहीं दाखिलों का फार्मूलाचार वर्षीय एकीकृत टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में दाखिलों का फार्मूला तय नहीं हुआ है।