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अजमेर में यह बकरा बना है आकर्षण

Bakra Eid: इस ईद पर कर दिया जाएगा कुर्बान, bakra mandi

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अजमेर.

निकटवर्ती भेरूंदा गांव में एक बकरा इन दिनों आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बकरे के मालिक के मुताबिक इस बकरे पर एक तरफ अल्लाह तो दूसरी तरफ मोहम्मद साहब का नाम लिखा हुआ है। करीम खान ने इसे बड़े प्यार से पाला है और वे इस बकरे को ईद (bakra eid) पर अल्लाह की राह में कुर्बान करेंगे।

ईदउलजुहा में अभी वक्त है लेकिन भेंरूंदा गांव में चर्चा का विषय बने इस बकरे को देखने के लिए दूर दराज से लोग आ रहे हैं। करीम खान ने कुर्बानी के लिए ही इस बकरे को बड़े ही लाड-प्यार से पाला है। बकराईद (bakra eid) जैसे जैसे नजदीक आ रही है, करीम की इस बकरे के प्रति मोहब्बत भी बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि जब से लोगों को यह पता चला है कि इस बकरे के जिस्म पर एक तरफ अल्लाह और दूसरी तरफ हजतर मोहम्मद साहब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम लिखा हुआ है, तब से लोगों की आवाजाही बढ़ गई। आसपास के गांवों से लोग उनके घर पहुंचते हैं और बकरे (bakra mandi) को खरीदने के लिए मोल भाव भी करते हैं। इसकी वजह से उनकी पहचान गांव और शहर तक बन गई है। इससे करीम अपनेआप को बेहद खुशनसीब मानते हैं।

यहां बग्घी में घुमाते हैं बकरे को

अजमेर के दरगाह क्षेत्र में खादिम गनी गुर्देजी की ओर से पाला गया बकरा हर साल आकर्षण का केंद्र रहता है। वे घर पर पाले हुए बकरे को ईदुलजुहा (bakra eid) पर बग्घी में जोत कर घुमाते हैं। सैयद गनी गुर्देजी ने बताया कि वे 1963 से घर में पाल कर बकरे (bakra eid) की कुरबानी करते रहे हैं। वे बकरे को प्रतिदिन एक किलो दूध और 10 रुपए रोज की जलेबी खिलाते हैं। दोपहर में प्रतिदिन 20 रुपए का चारा और शाम को एक किलो चने की दाल देते हैं। यह बकरा स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है। बकराईद (bakra eid) पर बकरे को सजा धजा बग्घी में घुमाया जाता है और कुर्बानी दी जाती है।

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