
illegal cash work
अजमेर.
बच्चों को निवाला काटकर उनके भविष्य और शादी-ब्याह के लिए जोड़ी गई रकम बीसी संचालक और उसका परिवार चंद मिनटों में समेट कर फरार हो गया। नगरा क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों की महिलाओं का सुख-चैन छिन गया है। ऐसे कई उदाहरण पिछले बीस-तीस साल में सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद लोग ऐसे ठगों पर विश्वास करने से नहीं चूक करे हैं।
केस-1
नगरा क्षेत्र की मजदूर पेशा सैकड़ों महिलाओं ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरी कर जो कमाई होती थी, उसमें से कुछ बचत करके बीसी संचालक प्रमोद गुप्ता के यहां एफडी और मासिक बचत योजना में जमा करती थीं। गुप्ता अपने बेटे विजय गुप्ता, विकास गुप्ता और परिवार की महिलाओं के साथ विकास बचत योजना चलाता था। क्षेत्र के सैकड़ों परिवार गुप्ता के यहां बचत योजना का हिस्सा है जो अपने सामथ्र्य के मुताबिक बचत योजना में रकम जमा करवाते थे। गत 15 अप्रेल की रात गुप्ता परिवार करीब 30 करोड़ से ज्यादा की रकम हड़प कर फरार हो गया।
केस-2
नौ साल पहले एक निजी कम्पनी ने अजमेर में दफ्तर खोला। इस कम्पनी ने हाउसिंग सोसायटी के नाम से पैसा एकत्रित किया। आयकर चोरी और अन्य मामले में पुलिस ने पूरे प्रदेश में कम्पनी के दफ्तरों पर छापे मारे। कम्पनी अब बंद हो चुकी है। इसमें भी हजारों लोगों का पैसा अटका हुआ है। खासतौर पर गरीब-मध्यम वर्ग के लोग ज्यादा हैं।
गरीब आते हैं गिरफ्त में
फर्जी कम्पनियों, बीसी संचालकों के चंगुल में गरीब लोग ज्यादा आते हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक महिला ने बताया कि उसने शराबी पति से छुपाकर गुप्ता चूड़ी वाले के यहां बचत खाता खोला। हर महीने 1200 रुपए जमा करवाती थी, यह सोचकर कि बच्चों की शादी के वक्त ब्याज समेत अच्छी रकम मिल जाएगी। अब पति को यदि को पता चल गया तो वह बहुत नाराज होगा।
बीसी-सोसायटी सब गैरकानूनी
आमजन को सजगता बरतनी चाहिए। बीसी-सोसायटी सब गैरकानूनी है। यदि कोई और भी सोसायटी या बीसी चल रही है तो लोगों को चाहिए कि अपना पैसा निकाल लें। सरकार की तरफ से किसी को मान्यता प्राप्त नहीं है। जो आज ज्यादा का लालच दे रहा है, वह कल जरूर भागेगा। ऐसे बीसी संचालक और सोसायटी संचालकों की पुलिस को सूचना दें।
कुंवर राष्ट्रदीप, पुलिस अधीक्षक
Published on:
21 Apr 2019 08:14 am
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