ब्यावर नगर परिषद की सभापति बबीता चौहान के खिलाफ लम्बे अर्से से शिकायतें मिल रही थी। हाल में ब्यावर निवासी डॉ. राजीव जैन से कथित तौर पर प्लॉट कनवर्जन की एवज में 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगे थे। डॉ. जैन ने शिकायत एसीबी अजमेर को दी। एसीबी ने शिकायत की जांच की। इसके बाद एसीबी की टीम एडिशनल एसपी सी. पी. जोशी के नेतृत्व में बुधवार सुबह ब्यावर पहुंची। टीम ने नगर परिषद अध्यक्ष बबीता चौहान के निवास स्थान पर उन्हें 2.25 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। सभापति के पति नरेंद्र चौहान और एक अन्य व्यक्ति को भी मौके से पकड़ लिया।
50 लाख रुपए की रिश्वत का मामला..
एसीबी तत्काल चौहान के घर की तलाशी लेने में जुट गई। अलमारी, लॉकर और अन्य खंगाले जा रहे हैं। इसके अलावा बैंक एकाउन्ट और अन्य जांच भी की जा रही है। टीम को एक अन्य मामले में 50 लाख रुपए रिश्वत लेने की शिकायत भी मिली है। फिलहाल उसकी छानबीन जारी है। टीम जल्द इसका खुलासा करेगी।
एसीबी तत्काल चौहान के घर की तलाशी लेने में जुट गई। अलमारी, लॉकर और अन्य खंगाले जा रहे हैं। इसके अलावा बैंक एकाउन्ट और अन्य जांच भी की जा रही है। टीम को एक अन्य मामले में 50 लाख रुपए रिश्वत लेने की शिकायत भी मिली है। फिलहाल उसकी छानबीन जारी है। टीम जल्द इसका खुलासा करेगी।
मॉडल कलैंडर में 24 तक चुनाव प्रदेश के विश्वविद्यालयों में राजभवन का मॉडल कलैंडर लागू किया गया है। इसमें सरकारी कलैंडर के मुताबिक छुट्टियां रखने के अलावा प्रवेश और अन्य कार्यक्रम भी दिए गए हैं। कलैंडर के मुताबिक विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ 24 अगस्त तक कराए जाने हैं। लेकिन ऐसा होना मुश्किल है। उच्च शिक्षा विबाग सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेज में अब तक एक ही तिथि पर चुनाव कराता रहा है।
फिर कब होंगे कामकाज…
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में जून से लेकर अगस्त के शुरूआत तक प्रवेश कार्य जारी है। उधर छात्रसंघ चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। अगर सरकार ने कार्यक्रम जारी कर दिया तो संस्थाओं की मुश्किलें बढ़ेगी। मतदाता सूची बनाने, जारी करने और आपत्तियां लेकर अंतिम सूची लगाने काम होना है। इसके अलावा छात्रसंघ चुनाव के लिए नामांकन, नाम वापसी, आपत्तियों के निस्तारण और अंतिम सूची लगाई जानी है। अगस्त में ही चुनाव कराने का कार्यक्रम जारी करने में विलम्ब हुआ तो संस्थाओं की परेशानी बढ़ेगी।
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में जून से लेकर अगस्त के शुरूआत तक प्रवेश कार्य जारी है। उधर छात्रसंघ चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। अगर सरकार ने कार्यक्रम जारी कर दिया तो संस्थाओं की मुश्किलें बढ़ेगी। मतदाता सूची बनाने, जारी करने और आपत्तियां लेकर अंतिम सूची लगाने काम होना है। इसके अलावा छात्रसंघ चुनाव के लिए नामांकन, नाम वापसी, आपत्तियों के निस्तारण और अंतिम सूची लगाई जानी है। अगस्त में ही चुनाव कराने का कार्यक्रम जारी करने में विलम्ब हुआ तो संस्थाओं की परेशानी बढ़ेगी।