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अनोखी है ब्यावर की यह shops, पी जाती हैं हजारों लीटर शराब

कई समूह में से एक भी शराब विक्रेता ने जमा नहीं कराई शराब। विभाग को मिली ये जानकारी तो खिसक गई अफसरों की जमीन।

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shopskeeper not deposit liquor stock

shopskeeper not deposit liquor stock

आबकारी विभाग को यावर उपखंड के 48 समूह की 59 शराब की दुकानों की सूची मिल गई। इनमें देशी व अंग्रेजी सहित कम्पोजिट शराब की दुकानें शामिल हैं। 59 शराब विक्रेताओं में से एक भी व्यापारी ऐसा नहीं, जिसने शराब की दुकान में से एक भी बोतल विभाग को वापस जमा कराई हो।

सभी ने अपनी दुकान की निल रिपोर्ट दी है। सभी पुराने शराब विक्रेताओं ने सारा स्टॉक बिक जाने का रिकॉर्ड दिया है, जबकि विभाग भी यह मान रहा है कि 31 मार्च की रात आठ बजे तक सभी शराब की दुकानों में स्टॉक रखा हुआ था।

इसके बावजूद स्टॉक निल कैसे हो गया। पुराने शराब विक्रेताओं द्वारा रविवार सुबह दुकानों की चाबियां विभाग को सौंपने के बाद इसकी जानकारी लगी।

नए ठेकेदार देते हैं राशि

आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसी पुराने शराब विक्रेता के पास स्टॉक बच जाता है तो वह कार्यालय में जमा होता है। इसके बाद नए ठेकेदार को वह स्टॉक जारी करके उतनी शराब की राशि पुराने ठेकेदार को लौटा दी जाती है। इसके बावजूद किसी भी विक्रेता ने आज तक शराब यहां जमा नहीं कराई।

स्टॉक मिलान में होती परेशानी

सूत्रों का कहना है कि मार्च के अंत में स्टॉक मिलान में शराब की बोतलें कम ज्यादा निकल जाती हैं। कई ठेकेदार दूसरी जगह ब्रांच खोलकर शराब बेचते रहते हैं। यह स्टॉक में अतिरिक्त निकल जाती है। इसी से बचने के लिए पुराने ठेकेदार बची शराब को जमा नहीं कराते।

थाना कर चुका है कार्रवाई

मार्च में वित्तीय वर्ष समापन के दो दिन पहले शराब के स्टॉक को इधर-उधर कर दिया जाता है। गत दिनों आबकारी थाना पुलिस ने अजमेरी गेट से देवगढ़ सप्लाई की जा रही 40 देशी शराब की पेटियों सहित दो युवकों व टैम्पो को जब्त किया था।

फैक्ट फाइल...

ब्यावर उपखंड को 48 समूह में बांटा गया है। इनमें शराब की 59 दुकानें हैं। इसमें 13 शुद्ध देशी शराब की हैं, जबकि 35 कम्पोजिट (अंग्रेजी व देशी) तथा 11 केवल अंग्रेजी व बीयर की दुकानें हैं। यह 11 दुकानें शहरी क्षेत्र की हैं।

शराब के किसी भी पुराने ठेकेदार ने एक भी बोतल आबकारी विभाग में जमा नहीं कराई है। सभी का स्टॉक निल है, जबकि पहले ही सभी को स्टॉक बचने पर जमा कराने के आदेश दिए थे। जमा स्टॉक की राशि भी मिल जाती है। इसके बावजूद स्टॉक निल की रिपोर्ट है।

प्रेमकुमार सिंह, वृत्त आबकारी निरीक्षक ब्यावर

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