कई शर्ते हैं लागू ऐसे किसान जो उसी कुएं पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते हैं अथवा दूसरे कुएं पर जो उसी खसरा,खेत, परिसर, मुरब्बा में हो, दूसरी मोटर चलाने के लिए भार बढ़ाते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। जिन किसानों के पहले से दो मोटरें स्वीकृत हैं। वहां इस योजना का लाभ लिया जा सकता है।
इस योजना में मात्र 15 रुपए प्रति एचपी दो माह के लिए जमा करवाकर भार नियमित कर दिया जाएगा। दो वर्ष तक कटे हुए कनेक्शनों को यदि किसान भार वृद्धि के साथ जुड़वाना चाहता है तो वह भी इस योजना का लाभ ले सकता है। योजना का लाभ नहीं उठाने वाले उपभोक्ताओं के बढ़े हुए भार पर कृषि नीति के अनुसार राशि वसूली जाएगी।
निगम उठाएगा खर्चा इस दौरान योजना का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता बढ़ोतरी और नई 11 केवी लाइन एवं सब-स्टेशन का खर्चा निगम की ओर से उठाया जाएगा। यह योजना 31 अगस्त तक जारी कृषि कनेक्शनों पर लागू होगी।
शहरी क्षेत्र में भी आवश्यकता शहरी क्षेत्र में भी इसी तरह की योजना की आवश्यकता है। शहरों में कई आवासीय क्षेत्रों में विद्युत भार कई गुना बढ़ा लिया जाता है, लेकिन विद्युत विभाग को अवगत नहीं कराया जाता है। इससे विद्युत तंत्र पर दबाव बढ़ जाता है। इससे लोगों को ट्रिपिंग की समस्या झेलनी पड़ती है।
ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लिए स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना को लागू करने का निर्णय किया जा चुका है। किसान विद्युत भार बढ़ाकर 30 नवंबर से पहले इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
वी. एस. शेखावत, अधिशासी अभियंता, विद्युत निगम, किशनगढ़