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नंगे हाथ, बिना मास्क थैलियों से निकाल रहे खून से सना कचरा

-निजी बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में भी संक्रमण का खतरा किशोर व श्रमिकों को नहीं लगे संक्रमणरहित इंजेक्शन, ग्लव्ज व मास्क भी नहीं

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नंगे हाथ, बिना मास्क थैलियों से निकाल रहे खून से सना कचरा

नंगे हाथ, बिना मास्क थैलियों से निकाल रहे खून से सना कचरा

अजमेर. खून से सनी लाल-पीली थैलियां और इनमें खून से सना बायो मेडिकल वेस्ट (Bio Medical Waste)को नंगे हाथों से निकालते किशोर व युवकों के चेहरे पर मास्क तक नहीं। हालात तो इस कदर खराब मिले कि मानव कटे अंग, खून से लथपथ पट्टियां व कचरा निकालने वाले इन किशोर व युवकों के संक्रमणरहित इंजेक्शन भी नहीं लगाए गए हैं।

यह हालात अजमेर के सेंदरिया स्थित बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट/मैनेजमेंट प्लांट के हैं, जहां युवक व किशोर श्रमिक सरकारी एवं निजी अस्पतालों से आने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को छंटनी करने में जुटे रहते हैं। निजी फर्म की ओर से संचालित वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में काम करने वाले श्रमिकों, युवकों को संक्रमित होने से बचाने के लिए इंजेक्शन आदि लगाने का दावा तो किया गया मगर यहां करने वाले श्रमिक युवक ने पत्रिका से बातचीत में साफ इंकार कर दिया कि उसे कोई इंजेक्शन नहीं लगाया गया है। वहीं एक अन्य किशोर ने भी इंजेक्शन से साफ मना कर दिया। प्लांट के पीछे के कमरों में सडांध मारते वेस्ट को निकालते समय मास्क, ग्लव्ज नहीं पहनना या उपलब्ध नहीं कराना गंभीर लापरवाही को उजागर कर रहा है।

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यह है प्लांट की स्थिति

निजी फर्म के इस ट्रीटमेंट प्लांट पर अजमेर व भीलवाड़ा जिलों के सरकारी व निजी अस्पतालों का बायो मेडिकल वेस्ट के ट्रीट का दावा किया गया है। फर्म के प्रभारी अनिल जैन के अनुसार अजमेर के 67 अस्पताल, 71 निजी अस्पताल, क्लिनिक, लैब पंजीकृत हैं। भीलवाड़ा के 57 अस्पताल निजी एवं 42 सरकारी अस्पताल व 82 क्लिनिक व लैब पंजीकृत बताए गए हैं।