
लोकसभा उपचुनाव को लेकर राज्य की सरकार अजमेर में ही मौजूद रही। इस दौरान सरकार जातियों में बंटती नजर आईं। नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र में जहां राजपूत एवं गुर्जर समाज पर ही ज्यादा फोकस रखा तो कुछ प्रबुद्धजन के रूप में अपनी बात रख पाए। उधर, अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से चर्चा और जनसंवाद कर भाजपा के लिए उपचुनाव में समर्थन मांगा।
चुनावी दौरे के तहत सरकार नसीराबाद पहुंचीं। हेलीपेड पर ही मंडल अध्यक्षों से रिपोर्ट लेने के बाद राजगढ़ मसानिया भैरव धाम पहुंच कर दर्शन किए। बाद में नसीराबाद पहुंचने पर शहर में रोड शो के साथ सरकार जीडी टावर पहुंची जहां जनसंवाद किया।
...बहकावे नहीं आएं, जो आपने कहा, मैंने किया
सरकार ने राजपूत समाज के प्रतिनिधियों व महिलाओं से जनसंवाद करते हुए कहा कि राजपूत समाज जो बात कहता है वो ही करता है। पिछले 70 सालों से राजपूत समाज भाजपा के साथ है और रहेगा, उन्हें पूर्ण विश्वास है। कुछ लोग कांग्रेस के इशारे पर फतवे जारी कर रहे हैं, उनके बहकावे में आने की आवश्यकता नहीं है। आपने जो कहा मैंने किया। पद्मावत फिल्म पर राजस्थान में रोक लगाई, अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है, इसका अध्ययन करवा रहे हैं। आनन्दपाल का मामला क्रिमिनल से जुड़ा है, फिर भी राजपूत समाज की मांग पर सीबीआई जांच चालू करवा दी गई है।
अजमेर दक्षिण विस क्षेत्र में जनसंवाद
अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में अजमेर के विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार का जनसंवाद कार्यक्रम नौ नम्बर पेट्रोल पंप स्थित टोरंटो समारोह स्थल पर आयोजित हुआ। सरकार के साथ महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, प्रभारी मेघराज लोहिया, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रहलाद पंवार मौजूद रहे। यहां राजपूत समाज के साथ अन्य समाजों के प्रतिनिधियों से संवाद किया।
संवाद के बाद इन्होंने जताई नाराजगी
रैगर समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि जिलेभर में रैगर समाज के मतदाताओं की संख्या करीब दो लाख से अधिक है, इसके बावजूद उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। एक मंत्री की ओर से जिला प्रमुख वंदना नोगिया की बात कही तो समाज के कुछ लोगों ने नाराजगी दिखाई। उन्होंने कहा कि जब क्षेत्र के मंत्री पास में बैठे हों तो सरकार से अपने मन की बात कैसे कर सकते हैं। कुछ चीजें ऐसी है जिन्हें जनप्रतिनिधि छिपा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर संवाद कर रहे हैं तो सिर्फ सरकार व समाज प्रतिनिधि ही रहने चाहिए।
बात नहीं करनी तो पहली बुलाया क्यों
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक आयुदान सिंह कविया, सह संयोजक गजेन्द्र ङ्क्षसह राठौड़, कांति शर्मा, दिनेश शर्मा आयोजन स्थल पर पहुंचे, मगर सरकार के नुमाइंदों ने मिलाने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि संगठन मांगों का ज्ञापन लेकर वे पहुंचे, मगर अब कह दिया कि उन्होंने कोई समय नहीं दिया। इससे खफा होकर सभी कर्मचारी नेता रवाना हो गए।
कार्यकर्ताओं ने गिनाई कमियां, जताई नाराजगी
सरकार की ओर से भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से संवाद के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि चुनाव का जिम्मा संगठन एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के हाथ में रहना चाहिए। चुनाव नजदीक हैं, कार्यों व जिम्मेदारी का वितरण किया जा चुका है मगर अभी तक वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को तवज्जो मिलनी चाहिए।
Published on:
21 Jan 2018 07:42 am
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