
राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ अब निगम, बोर्ड और प्राधिकरण सहित सरकारी अधिवक्ताओं और अन्य पदों सहित प्रशासनिक फेरदबल होंगे। पांच वर्ष से कांग्रेस के कार्यकाल में नियुक्त अध्यक्षों, मनोनीत पार्षदों, सरकारी वकीलों का बदलना तय है। इसके अलावा ब्यूरोक्रेसी में काफी बदलाव होगा। राज्य की नई भाजपा सरकार जल्द सत्ता संभालेगी। जनवरी या इसके बाद राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू होगा। अगले साल अप्रेल-मई तक लोकसभा चुनाव होने हैं। इसकी आचार संहिता फरवरी-मार्च में लग जाएगी। इसके चलते व्यापक फेरबदल लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा।
इनमें होनी हैं नियुक्तियां
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में पिछले दो साल से स्थायी अध्यक्ष नहीं है। बोर्ड आईएएस प्रशासकों के भरोसे संचालित है। नई भाजपा सरकार जल्द बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त करेगी, ताकि शिक्षाविद् ही इसका संचालन करे। इसके अलावा अजमेर विकास प्राधिकरण पूरे पांच साल स्थायी अध्यक्ष के बगैर चला। पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा के बाद जिला कलक्टर ही इसके सर्वेसर्वा रहे। अब नई सरकार प्राधिकरण अध्यक्ष नियुक्त कर सकेगी।
यह भी पढ़ें : BJP सरकार आते ही आई गहलोत सरकार में पेपर लीक प्रकरण से जुड़ी ये बड़ी खबर
नियुक्त होंगे सरकारी वकील
जिला सेशन कोर्ट में फिलहाल कांग्रेस विचारधारा के वकील लोक अभियोजक हैं। इनके स्थान पर भाजपा समर्थित विचारधारा के वकीलों को लोक अभियोजक बनाया जाएगा। इनमें जिला जज संख्या-1, एडीजे चार, एडीजे-पांच, पॉक्सो अदालत, एसी-एसटी कोर्ट, कलक्टर कोर्ट सहित अन्य शामिल हैं। इन सबसे कांग्रेस समर्थित वकीलों की विदाई होगी।
होगा प्रशासनिक फेरबदल
ब्यूरोक्रेसी में भी व्यापक फेरबदल होगा। नई सरकार के गठन के बाद कई आईएएस, आईपीएस, आरएएस अफसर इधर-उधर होंगे। मुख्य सचिव से लेकर जिला कलक्टर-एसपी, आरएएस अफसरों के तबादले होंगे।
इस्तीफे देने में जुटे कांग्रेसी
नगर निगम के मनोनीत पार्षद बिपिन बैंसिल, मनवर खान कायमखानी और मनोनीत पार्षद नितिन जैन ने पद से इस्तीफा दिया है। जैन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा भेजा है। अन्य मनोनीत पार्षद भी इस्तीफा देंगे।
Published on:
05 Dec 2023 10:28 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
