22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CBSE: 80 नम्बर का होगा पेपर, दसवीं में 33 प्रतिशत नंबर लाने होंगे जरूरी

परीक्षा में 80 नम्बर का पेपर होगा। 20 नम्बर आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। बोर्ड ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

2 min read
Google source verification
passing marks

10th class passing marks

विद्यार्थियों को दसवीं में उत्तीर्ण होने के लिए अब प्रत्येक विषय में 33 प्रतिशत नम्बर लाने जरूरी होंगे। परीक्षा में 80 नम्बर का पेपर होगा। 20 नम्बर आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। बोर्ड ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

सीबीएसई ने वर्ष 2009-10 में सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) लागू किया था। इसमें विद्यार्थियों को स्कूल और बोर्ड पैटर्न से परीक्षा का विकल्प दिया गया। साथ ही विद्यार्थियों का शैक्षिक के अलावा खेलकूद, पर्यावरण सुरक्षा, स्वच्छता, व्यवहार, समाजपयोगी कार्यों का मूल्यांकन करने की शुरुआत हुई।

अंकों से बढ़ते तनाव को घटाने के लिए बोर्ड ने ग्रेडिंग पद्धति लागू की। इससे विद्यार्थियों को मूल्यांकन में फायदा पहुंचा। केंद्र की एनडीएस सरकार ने सीसीई पद्धति को खत्म कर फिर से दसवीं की परीक्षा बोर्ड आधारित करने का फैसला किया है।

33 प्रतिशत नंबर जरूरी
दसवीं बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को प्रत्येक विषय में पास होने के लिए 33 प्रतिशत नंबर लाने जरूरी होंगे। प्रत्येक पेपर 80 नम्बर का होगा। 20 फीसदी नंबर आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। इस साल यह व्यवस्था प्रायोगिक रहेगी। बोर्ड अध्यक्ष अनिता करवाल ने यह अधिसूचना जारी की है।

तनाव घटाने के लिए हटाए थे अंक

विद्यार्थियों को तनावमुक्त करने के लिए सीबीएसई ने मार्कशीट में अंकों के बजाय ग्रेडिंग देने की शुरुआत की थी। अंग्रेजी, हिन्दी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित और अन्य विषयों में अंकों के अनुरूप कम्यूलेटिव ग्रेड पॉइन्ट एवरेज (सीजीपीए) के आधार पर ग्रेडिंग दी जाती है। साथ ही सतत एवं समग्र मूल्यांकन के तहत सह शैक्षिक गतिविधियों में भी ग्रेडिंग दी जा रही है।

नम्बर होंगे या ग्रेड
इस साल दसवीं में ग्रेड के साथ-साथ अंक भी दिख सकते हैं। हालांकि इस पर फैसला नहीं हुआ है। इसके अलावा श्रेणी सुधार के बजाय सप्लीमेंट्री परीक्षासीसीई पैटर्न में विद्यार्थियों को ग्रेडिंग और श्रेणी सुधार के लिए तीन मौके दिए जा रहे हैं। दसवीं में अब फिर से सप्लीमेंट्री पद्धति लागू होगी। किसी विषय में कम नंबर आने पर दसवीं के विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री परीक्षा देनी होगी। इसमें बारहवीं कक्षा के अनुसार उत्तीर्ण होने के तीन मौके दिए जाएंगे।