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CBSE: सुधारें एलओसी और रजिस्ट्रेशन लिस्ट में रही गलती

सीबीएसई ने दिया है स्कूल को अवसर। स्टूडेंट्स के फॉर्म में रही गलतियों को सुधार सकेंगे स्कूल।

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cbse correction option

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अजमेर.

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों की सूची (एअलोसी) और नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों की पंजीयन सूची में त्रुटियां सुधारने का अवसर दिया है।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि 2021 की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों की सूची (एलओसी) भरी जा चुकी है। इसी तरह 2022 की परीक्षाओं के लिए नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों का पंजीयन किया गया है। स्कूल (School) इनकी त्रुटियों में सुधार कर सकते हैं।
इनमें अजमेर सहित दिल्ली, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, पंचकुला, प्रयागराज, पुणे, भोपाल, देहरादून, पटना, भुवनेश्वर, गुवाहाटी रीजन (Region) के स्कूल शामिल हैं।

यूं चलेगी प्रक्रिया
पंजीकृत विद्यार्थी के नाम में एडशिन-7 दिसंबर
ऑनलाइन सूचना में सुधार-8 से 12 दिसंबर

स्कूल को दुरुस्त करनी होगी त्रुटियां
पंजीयन के दौरान कई स्कूल ने विद्यार्थियों के नाम, परिजनों के नाम, विषय से जुड़ी तकनीकी त्रुटियां छोड़ी हैं। पंजीयन के दौरान स्कूल त्रुटियां (Errors) नहीं छोड़ें। विद्यार्थियों और परिजनों को ई-मेल अथवा वॉट्सएप पर सूचनाएं भेजकर चेक कराएं। मालूम हो कि हर साल कई विद्यार्थियों और परिजनों को सही रिकॉर्ड दुरुस्त कराने के लिए स्कूल और सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालयों में चक्कर काटने पड़ते हैं।

राजस्थान में है ऐसा एग्जाम, सरकार भी भूल चुकी इसे कराना

रक्तिम तिवारी/अजमेर. कॉलेज-यूनिवर्सिटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अहम समझने जाने वाली राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) को सरकार ने भुला दिया है। पांच साल से प्रदेश में सेट परीक्षा नहीं हुई है। राजस्थान लोक सेवा आयोग के पत्र भेजने के बाद परीक्षा आयोजन ठप पड़ा है।

कॉलेज और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) कराई जाती रही है। 29 विषयों के लिए यह परीक्षा राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती थी। आयोग ने अंतिम बार वर्ष 2015 में सेट परीक्षा कराई थी। इसके बाद पांच से परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ है।

यूजीसी की नेट परीक्षा में रुचि...
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य (लेक्चरर) की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) जरूरी किया है। लिहाजा अभ्यर्थियों की नेट परीक्षा देने में रुचि ज्यादा बढ़ी है। हालांकि नेट उत्तीर्ण करने के बाद भी विद्यार्थियों को संबंधित राज्यों की पात्रता परीक्षा या विषयवार सीधी भर्ती परीक्षा देनी पड़ती है। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही वे शिक्षक बनते हैं। हालांकि यूनिवर्सिटी स्वायत्तशासी संस्थान होने से शिक्षकों की नियुक्तियां खुद करते हैं।