
cbse migration certificate
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
सीबीएसई सत्र 2020-21 के दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट डिजि लॉकर में उपलब्ध कराएगा। हार्ड कॉपी केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगी जो अति आवश्यकता का कारण देकर बोर्ड को इसकी अर्जी देंगे।
सीबीएसई पिछले पांच साल से करीब 50 लाख विद्यार्थियों के दसवीं और बारहवीं के पासिंग सर्टिफिकेट और अंकतालिकाओं को डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध करा रहा है। अब बोर्ड ने माइग्रेशन सर्टिफिकेट को भी डिजि लॉकर में उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
इसी साल से शुरुआत
परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि इसकी शुरुआत 2020-21 की दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों से होगी। हार्ड कॉपी अब उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगी जो बोर्ड को इसकी अर्जी देंगे। मालूम हो कि बोर्ड ने 15 दिसंबर 2020 को आयोजित परीक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया था।
ये होता है माइग्रेशन सर्टिफिकेट
माइग्रेशन सर्टिफिकेट विद्यार्थियों के लिए खास दस्तावेज होता है। विद्यार्थियों के दसवीं अथवा बारहवीं के बाद किसी अन्य बोर्ड में दाखिला लेने अथवा कॉलेज-यूनिवर्सिटी में दाखिले के वक्त माइग्रेशन सर्टिफिकेट जरूरी माना जाता है। सर्टिफिकेट के आधार पर विद्यार्थी को प्रवेश के पात्र माना जाता है।
ब्लॉक चेन पद्धति से सुरक्षा
डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा के लि सीबीएसई ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी से अनुबंध किया है। इसके तहत विद्यार्थियों के डिजिटल लॉकर में रखे दस्तावेजों को चार स्थानों पर सुरक्षित रखा जाएगा। इसके तहत खुद विद्यार्थियों के डिजि लॉकर, सीबीएसई के लॉकर और सर्वर तथा नेशनल डिपॉजिटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। ताकि दस्तावेजों का किसी स्तर पर दुरुपयोग अथवा छेड़छाड़ नहीं हो सके।
बोर्ड को मिली ई-सनद
विदेश मंत्रालय ने बोर्ड को ई-सनद भी प्रदान की है। यह देश अथवा विदेश में पढ़ाई या नौकरी के लिए आवेदन करने, चयनित होने पर नियमानुसार दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच के लिए दी जाती है।
Published on:
24 Sept 2021 08:57 am
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