सीबीएसई के स्टाफ ने परिणाम तैयार करने के लिए दिन-रात काम किया था। इनमें कॉपियों का मूल्यांकन, अंकों की गहन जांच शामिल थी। कई कर्मचारियों को तो शनिवार और रविवार सहित अन्य अवकाश भी नहीं मिले। बोर्ड ने गोपनीयता के लिहाज से किसी भी रीजन को परिणाम समय से पहले निकालने की कोई सूचना नहीं दी। यही वजह रही कि पिछले साल बोर्ड ने बारहवीं का नतीजा 2 मई और दसवीं का नतीजा 6 मई को निकालकर समूचे देश को चौंका दिया था।
सीबीएसई ने साल 2020 में भी परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू की थीं। 18 मार्च तक दसवीं के एक विषय छोडकऱ सभी पेपर हो गए थे। दसवीं के भी 75 फीसदी से अधिक पेपर हो चुके थे। लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार बोर्ड को परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ीं। अब कोरोना लॉकडाउन के चलते यह पेपर अटके हुए हैं।