
cbse registration process
अजमेर.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध स्कूलों ने शुक्रवार को नवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों के पंजीयन कराए। 2300 रुपए विलंब शुल्क के साथ पंजीयन की अवधि पूरी हो गई। अब स्कूलों को अवसर नहीं दिया जाएगा। यह पंजीकृत विद्यार्थी 2023 में दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा देंगे।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि प्रतिवर्ष बारहवीं और दसवीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का नवीं एवं ग्यारहवीं में पंजीयन किया जाता है। इसके तहत नाम, माता-पिता, जन्म तिथि, स्कूल, विषय और अन्य सूचनाएं शामिल होती हैं।
READ MORE: अजमेर का राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, सेना को दे रहा होनहार अफसर
रक्तिम तिवारी/अजमेर. अजमेर में ब्रिटिशकाल में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल 91 साल से देश को होनहार अफसर दे रहा है। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के अलावा प्रशासनिक और पुलिस सेवा में यहां के कई छात्र सेवारत हैं। कई पूर्व छात्र देश के अहम ओहदे पर रहे हैं। स्कूल भारतीय सेना को 11 लेफ्टिनेंट जनरल, 20 से ज्यादा मेजर जनरल, 60 ब्रिगेडियर और अन्य अफसर दे चुका है।
शुरुआत से छात्र ही पढ़ रहे
अजमेर में तत्कालीन ब्रिटिश-भारत सरकार ने अपने सैन्य अधिकारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल) स्थापित किया। इसके पहले प्राचार्य कैप्टन डब्ल्यू एल क्लार्क और पहल छात्र अनवर अली खान और नवाब अली खान थे। इस स्कूल में शुरुआत से छात्र ही पढ़त रहे हैं। इस स्कूल में यूपी, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, तमिलाडू, तेलंगाना, केरल सहित समूचे देश के छात्र पढ़कर निकले और सेना, पुलिस, प्रशासनिक सेवा, शिक्षा में कॅरियर बनाया। खासतौर पर थल सेना में सैनिक-अफसर तैयार करने के लिए स्कूल की अलग ही पहचान रही है। अजमेर के बाद धौलपुर, हिमाचल प्रदेश के चैल, कर्नाटक के बेलगाम और बेंगलूरू में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल खोले गए।
Published on:
15 Jan 2022 08:15 am
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