
#Court News :19 साल का आरोपी आजीवन रहेगा कारावास में
उपखंड अधिकारी के आदेश के बावजूद पत्थरगढ़ी नहीं कराने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग अजमेर ने जिला कलक्टर और तहसीलदार अजमेर को प्रार्थी शंकर लाल खंडेलवाल के वारिसान की भूमि का सीमा ज्ञान करवाकर पत्थरगढ़ी करवाने के आदेश दिए। साथ ही प्रार्थी को क्षतिपूर्ति के 20 हजार व परिवाद व्यय के दो हज़ार रुपए अदा करने के भी आदेश दिए।
शुल्क लिया, नहीं की पत्थरगढ़ी
मामले के अनुसार उपखंड अधिकारी ने 7 मार्च 2021 को तहसीलदार को शंकरलाल खंडेलवाल की भूमि का नापजोख करवाकर पत्थरगढ़ी कराने के लिए फीस जमा करा दी। उसके बावजूद पत्थर गढ़ी नहीं कराई गई। पत्र भी लिखे लेकिन हर बार नया कारण बताकर शुल्क मांगा जाता रहा। कई बार अधूरी रिपोर्ट पेश की। प्रार्थी द्वारा कलक्टर को भेजे कानूनी नोटिस पर कलक्टर ने आदेश जारी कर भू राजस्व विभाग, नगर सुधार न्यास, भू वैज्ञानिक विभाग को जीपीएस मशीन से नापजोख कर पत्थरगढ़ी करने का आदेश दिया। प्रार्थी ने 7059 रूपए का शुल्क भी जमा करवा दिया। जीपीएस के आधार पर की गई पत्थरगढ़ी में आधा अधूरा नाप किया गया। इस दौरान प्रार्थी का निधन हो गया।
दो बार फिर से लिया शुल्क
प्रार्थी के वारिसान दिनेश खंडेलवाल ने तहसीलदार को शिकायत की तो तहसीलदार ने ईडीएम मशीन से पत्थरगढ़ी कराने के लिए 13299 रूपए जमा कराने को कहा। प्रार्थी ने राशि जमा करा दी लेकिन भू प्रबंध अधिकारी ने ईडीएम मशीन से नापजोख करने का 7305 रुपए शुल्क जमा कराने को कहा। ईडीएम से बनाई मौका रिपोर्ट में नापजोख नहीं लिखा।
आयोग ने सेवा में कमी मानी
जिला आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा, सदस्य दिनेश चतुर्वेदी तथा जयश्री शर्मा ने फैसले में लिखा कि आखिरी बार 18 फरवरी 2016 की जो रिपोर्ट पेश की गई उसमें नाप नहीं किया गया जबकि रेवेन्यू बोर्ड के परिपत्र के अनुसार बिना नाप के रिपोर्ट पूर्ण नहीं मानी जा सकती है। अप्रार्थी ने जानबूझकर प्रार्थी के भूखंड पर पत्थरगढ़ी नहीं कराई जो सेवा में कमी है।
Published on:
17 Feb 2024 10:35 pm
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