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आरपीएससी उप सचिव को सौंपी खांचा भूमि प्रकरण की जांच

नगरीय विकास एवं आवासन विभाग ने सौंपी जांच

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आरपीएससी उप सचिव को सौंपी खांचा भूमि प्रकरण की जांच

आरपीएससी उप सचिव को सौंपी खांचा भूमि प्रकरण की जांच

अजमेर. राज्य सरकार ने अजमेर विकास प्राधिकरण की बेशकीमती खांचा भूमि के अनियमित आवंटन करने के मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग की उप सचिव दीप्ति शर्मा को जांच सौंपी है।

नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के संयुक्त शासन सचिव (द्वितीय) मगनलाल योगी ने जांच अधिकारी उप सचिव को इस प्रकरण से संबंधित में तमाम तरह के दस्तावेज व तकनीकी बिन्दुओं की राय व टिप्पणी भी भेजी है। जांच रिपोर्ट के सम्बन्ध में तत्कालीन आयुक्त नमित मेहता की ओर से उठाए गए बिन्दुओं को भी जांच में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में एडीए के तत्कालीन नगर नियोजक ने दो रिपोर्ट भेजी थी। एक में भूमि पट्टी बनना बताया गया जबकि दूसरी रिपोर्ट में भूमि पट्टी बनना नहीं बताया था।

अधिकारी कर्मचारी हुए बहाल

भूमि के अनियमित रूप से आवंटन के मामले में एडीए की तत्कालीन भूमि अवाप्ति अधिकारी अंजना सहरावत तथा मंत्रालयिक कर्मचारी कूलचन्द रावत को निलम्बित किया गया था। चार्जशीट भी जारी की गई। इसके बाद सहरावत अपने निलम्बन पर हाइकोर्ट से स्टे ले आईं। इसलिए सरकार ने उन्हें बहाल कर झालावाड़ एसडीओ लगा दिया। जबकि रावत को यूडीएच ने बहाल कर पुन: एडीए में लगाया है। वहीं प्रतिनियुक्ति पर रहे एक्सईएन नरसिंह चौधरी को भी चार्जशीट जारी की है।

एसीबी कर रही है जांच

अनियमित रूप से खांचा भूमि आवंटन के मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी शुरू कर दी है। इस मामले में परिवाद दर्ज करने के साथ ही सम्बन्धित को नोटिस जारी जवाब मांगा गया है।