अजमेर. सरकारी स्तर पर भले ही स्वच्छता अभियान का ढिंढोरा पीटा जाता हो, जनप्रतिनिधियों-अफसरों द्वारा हाथों में झाड़ू लिए स्वच्छता अभियान की शुरुआत की जाती हो, लेकिन हकीकत में शहर के हालात कतई उलट हैं। शहर में सफाई के असल हालात की बानगी शहर के बीच से निकलते नालों में देखी जा सकती है। आनासागर से निकलते एस्केप चैनल से जुड़े व कचहरी रोड से निकलते नाले हों या बाहरी इलाके में बी.के. कौल नगर में बांडी नदी से सटे नाले, सिविल लाइन व लिंक रोड आदि क्षेत्र के नाले, सभी कचरे-गंदगी और मलबे से अटे हैं।ब्रह्मपुरी नाला एक बार फिर जाम हो गया है। यहां प्लास्टिक कचरे थैलियां आदि से भरे हुए हैं यहां कुछ दिनों पहले ही जेसीबी तक लगाई गई लेकिन क्षेत्रवासियों ने बताया कि जेसीबी मशीन से औपचारिक सफाई हुई। कुछ स्थानों से कचरा उठाया गया नाले को पूरा साफ नहीं किया गया।
कचरे से जाम हुआ ब्रह्मपुरी का नालाक्षेत्रवासी अतुल कुमार दिनेश माथुर ने बताया कि प्रशासन ने आनासागर झील को खाली करने के लिए गत माह पानी छोड़ा था। इसके बाद यहां कुछ दिन तो पानी का प्रवाह तेज रहा , लेकिन बाद में झील में जमा गंदगी, प्लास्टिक थैलियां, कचरा बहकर आने लगा। जिससे यह नाला पुन: जाम हो गया। कचरा जमा होने से क्षेत्र में गदंगी व बदबू फैलने के साथ मच्छर भी पनपने लगे हैं।
सड़क पर नाले का मलबाइसी तरह गांधी भवन चौराहे से ठेठ ब्रह्मपुरी नाले की पुलिया तक सड़क के बायीं और करीब चार फीट चौड़ा और लगभग इतना ही गहरा नाला बना हुआ है। जिसके जरिये स्टेशन रोड, मदारगेट, पृथ्वीराज मार्ग, जीपीओ, बंगाली गली, हाथीभाटा व टंडन गली आदि क्षेत्र का सारा पानी ब्रह्मपुरी से निकलकर तोपदड़ा की ओर जाते एस्केप चैनल के नाले में जाता है। इस नाले का एलआईसी बिल्डिंग के बाहर व इसके आसपास का काफी बड़ा हिस्सा खुला हुआ है। जिसमें भरा मलबा सड़क पर फैलता रहता है।
इनका कहना हैतोपदड़ा रेलवे फाटक के पास एस्केप चैनल की मरम्मत करने के साथ ही बेड बनाया जा रहा है। इसके लिए पानी रोके जाने से कचरा जमा है। काम पूरा होने के बाद नाले की सफाई करवा दी जाएगी।
रूपाराम चौधरीसफाई प्रभारी, नगर निगम अजमेर