scriptकलक्टर ने डीआरएम को लिखा पत्र: हटाएं सड़कों से लोहे के गर्डर | Collector wrote letter to DRM: Remove iron girder from roads | Patrika News

कलक्टर ने डीआरएम को लिखा पत्र: हटाएं सड़कों से लोहे के गर्डर

locationअजमेरPublished: Nov 14, 2021 08:18:58 pm

Submitted by:

bhupendra singh

रेलवे परिसर से होकर गुजर रही कुंदन नगर, ब्यावर रोड, गोल्फ कोर्स रोड, राजा साइकिल सर्किल, फ्रेजर रोड का मामला

ajmer

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अजमेर. रेलवे परिसर से होकर गुजर रही शहर की प्रमुख सड़कों पर रेलवे द्वारा लगाए गए लोहे गर्डर के चलते बाधित हो रही शहर की यातायात व्यवस्था के मामले में अब जिला प्रशासने दखल दिया है। जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने मंडल रेल प्रबन्धक नवीन परशुरामका को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि शहर की यातायाता व्यवस्था को सुचारू , सुव्यवस्थित रखने, आपातकालीन सेवाओं के प्रभावी संचालन एंव आपदा प्रबन्ध की दृष्टि से शहर के प्रमुख मार्गों से रेलवे द्वारा लगाए गए बैरियर तत्तकाल हटाए जाएं। कलक्टर के अनुसार अजमेर शहर का मुख्य मार्ग रेलवे स्टेशन होकर निकलता है तथा अजमेर शहर में अनेक मार्ग/ उपमार्ग रेलवे को आवंटित परिसम्पत्तियों में से होकर निकलते है तथा कई दशक से शहर की यातायात व्यवस्था का भाग हैं। कुंदन नगर, ब्यावर रोड, गोल्फ कोर्स रोड, राजा साइकिल सर्किल, फ्रेजर रोड पर बैरियर लगाए गए हैं। आंतरिक सुरक्षा, आपदा प्रबन्धन व यातायात व्यवस्था से जुड़ी बैठकों में यह जानकारी में आया है कि रेलवे द्वारा विभिन्न मार्गो पर लोहे के बैरियर लगाकर यातायात को आंशिक रूप से बाधित कर दिया गया है। इन बैरियरों से ना सिर्फ आमजन को असुविधा हो रही है अपितु इन मार्गो पर यातायाता बाधित होने के कारण शहर के अन्य मार्गो पर भी यातायात बाधित होने लगा है।
समय पर नहीं पहुंच पाते इमरजेंसी वाहन

आपातकालीन सेवाओं ,आंतरिक सुरक्षा व आपदा प्रबन्धन की दृष्टि से भी यह बैरियर उचित नहीं है। बैरियर लगे रहने के कारण आपातकालीन वाहन, एम्बुलेंस ,पुलिस, अग्निशमन वाहन आदि भी घटना स्थल पर सही समय पर नहीं पहुंच पा रहे है।
वाहनों को लगाना पड़ता है कई किमी का चक्कर

स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे शहर के विकास में उत्तर पश्चिम रेलवे की सड़कों पर लगे बैरियर बाधक बन रहे हैं। आपात स्थित में पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेस को भी रास्ता नहीं मिल पाता है। इन वाहनों को कई किलोमीटर का लम्बा चक्कर लगाना पड़ता है। इससे देरी होती है और नुकसान अधिक होता है। इसके अलावा इन सड़कों से वाणिज्यिक वाहन तथा आम आदमी के एसयूवी भी नहीं निकल पाती हैं। इसे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते अन्य सड़कों पर यातायाता का दबाव बढ़ जाता है।
श्रद्धालु भी होते हैं परेशान

रेलवे परिसर में ही जैन समाज का दादाबाड़ी तीर्थ है। यहां चातुर्मास के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु है। बैरियर के चलते उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। श्री जिनदत्त सूरि मंडल दादावाड़ी के अध्यक्ष गुमानमल लोढ़ा, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ, संघ के अध्यक्ष विक्रम पारख ने भी रेल प्रशासन व जिला प्रशासन से इस समस्या को दूर करने की मांग की। मंडल पदाधिकारियों का कहना है कि तीर्थ आने वाली बसों के लिए गर्डर को अस्थायी रूप से खोल दिया जाए व बाद में उसे पुन: बंद कर दिया जाए तो भी समस्या का निवारण हो सकता है।
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