24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ajmer by poll: जातियों पर यूं टिकाई कांग्रेस ने नजरें, राजपूतों के बाद ब्राह्मण वोट बैंक को खींचेंगे नेता

राजपूत समाज के बड़े संगठनों ने कांग्रेस के समर्थन का खुला ऐलान राजनीतिक गलियारों मेंं चर्चा का विषय बन गया है।

2 min read
Google source verification

अजमेर

image

dilip sharma

Jan 19, 2018

congres focus on caste vote

congres focus on caste vote

दिलीप शर्मा/अजमेर।

लोकसभा उपचुनाव में जीत की उम्मीद में दौड़ रही कांग्रेस एकाएक नए जोश से भर गई है। राजपूत संगठनों की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. रघु शर्मा को मत व समर्थन की घोषणा के बाद कांग्रेस अब अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ ज्यादा से ज्यादा ब्राह्मण व अन्य जातियों को भी अपनी ओर मोडऩा चाह रही है। संगठन की कमजोरी के आरोपों से जूझती कांग्रेस के लिए यह नई रणनीति संजीवनी साबित हो सकती है।

अजमेर लोकसभा उपचुनाव का दंगल रोचक मोड़ पर पहुंच गया है। कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों को अब लगने लगा है कि चुनाव का ऊंट अब किसी भी करवट बैठ सकता है। कांग्रेस ने संगठन के साथ ही जातीय समूहों को साधने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। पहली बार राजपूत समाज के बड़े संगठनों ने कांग्रेस के समर्थन का खुला ऐलान राजनीतिक गलियारों मेंं चर्चा का विषय बन गया है।

पूरे जोश में ढाईसाल से जुड़े राजपूत समाज जिस तरह से खुल कर सामने आए उससे कांग्रेस भी यकायक नए जोश मेंं दिखाई देने लगी है। कांग्रेस का प्रयास है कि परंपरागत वोट बैंक गुर्जर एससी, मुस्लिम मतों में कम से कम बिखराव हो साथ ही ब्राह्मण समाज को भी अपने पाले में कर लिया तो चुनावी जीत पक्की हो जाएगी।

सोशल मीडिया में भी राजपूत समाज के लोग सक्रिय राजपूत समाज के कांग्रेस के समर्थन के ऐलान के बाद सोशल मीडिया में भी इसे लेकर खासी बहस छिड़ गई है। एक दूसरे को जवाब देते हुए लोग राजपूत समाज की पूर्व में की गई उपेक्षा को नहीं भूलने की बात कह रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसे आन बान शान से जोड़ते हुए उपेक्षा करने वाले दल को सबक सिखाने की बात करने जैसे संदेशों का आदान प्रदान कर रहे हैं।

जातिगत गणित (कांग्रेस के अनुसार अनुमानित)

जिले में कुल मतदाता 18 लाख 56 हजार 1321
-एससी/एसटी - 3.50 लाख-जाट - 2.25 लाख

- गुर्जर - 2.0 लाख
- ब्राह्मण - 1.50 लाख

- मुसलमान - 1.50 लाख
- राजपूत/रावणा राजपूत -1.50 लाख

- वैश्य - 1.25 लाख
- सिंधी - 80 हजार

- रावत - 80 हजार
- माली - 80 हजार

-यादव - 40 हजार
- ईसाई - 30 हजार

शेष अन्य