13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लाखों कंज्यूमर नहीं जानते यह बातें , जानें हैं क्या हैं आपके अधिकार

www.patrika.com/rajasthan-news

less than 1 minute read
Google source verification
consumer awareness education

consumer awareness education

अजमेर.

कॉलेज और विश्वविद्यालयों के स्नातक और स्नातकोत्तर सिलेबस में उपभोक्ता अध्ययन पाठ्यक्रम जोड़ा जाएगा। विद्यार्थियों और उपभोक्ता में जागरुता बढ़ाने के लिए यूजीसी ने यह फैसला लिया है। यूजीसी ने सभी संस्थाओं को पत्र भिजवा दिया है।

केंद्रीय, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों सहित कई कॉलेज में विज्ञान, वाणिज्य, कला, सामाजिक विज्ञान, चिकित्सा, तकनीकी और अन्य संकाय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित है। इनमें विद्यार्थी प्रतिवर्ष डिग्री लेते हैं। यूजीसी उपभोक्ता संरक्षण और उससे जुड़े कानून के प्रति जागरुता बढ़ाने का पक्षधर भी है। लिहाजा सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों को सिलेबस में उपभोक्ता अध्ययन पाठ्यक्रम को भी शामिल करने को कहा गया है। इसका पेपर ऑब्जेक्टिव होगा।

यह होंगे खास बिंदू
उपभोक्ता और बाजार: रिटेल और होलसेल मूल्य, जीएसटी, अधिकतम मूल्य, ई-कॉमर्स, पैकेजिंग और नियमउपभोक्ता संरक्षण कानून: जिला, राज्य और केंद्रीयकृत संस्थाएं, उपभोक्ता कानून, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट, याचिकाउद्योगों की भूमिका : रिजर्व बैंक और बैंकिंग लोकपाल, बीमा लोकपाल, ट्राई, खाद्य प्रसंस्करण, विद्युत निगम, रियल एस्टेटगुणवत्ता और विश्वसनीयता : वस्तुओं की गुणवत्ता, कम्पनी की विश्वसनीयता, आईएसआई मार्क, हॉलमार्क, लाइसेंस, अंतर्राष्ट्रीय मानकों की पालना

जुड़ेगा कौशल विकास कोर्स
यूजीसी ने संस्थाओं को सभी संकायों में औद्योगिक आवश्यकता, कौशल विकास, वैश्विक मांग, तकनीकी नवाचार जैसे बिन्दुओं का समावेश करने के निर्देश भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को पाठ्यचर्या समिति (बोर्ड ऑफ स्टडीज) में विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल करना होगा। इससे पाठ्यक्रमों में प्रत्येक पहलुओं पर चर्चा हो सकेगी। सभी संकायों के पाठ्यक्रमों का हर तीसरे साल मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों, सामाजिक-औद्योगिक संस्थाओं, अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।