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अरांई में कफ्र्यू का सातवां दिन : प्रशासन ने बेहतर संभाला मोर्चा, नियंत्रण में रही स्थिति

अरांई में पन्द्रह हजार लोगों की स्क्रीनिंग,उज्जैन से आए बुजुर्ग के अलावा दूसरा कोई नहीं मिला कोरोना पॉजिटिव,लोगों की जागरुकता से भी मिली सहायता

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अरांई में कफ्र्यू का सातवां दिन : प्रशासन ने बेहतर संभाला मोर्चा, नियंत्रण में रही स्थिति

अजमेर जिले के अरांई कस्बे में कफ्र्यू के दौरान घर-घर सर्वे करती चिकित्सा टीम।

ajmer अजमेर. जिले के अरांई तहसील मुख्यालय पर कफ्र्यू के सात दिन हो गए। यहां के लोग घरों में कैद है। पुलिस की सख्ती के चलते पूरे कस्बे में सन्नाटा पसरा हुआ है। गनीमत है कि यहां एक बुजुर्ग के अलावा कोई दूसरा कोरोना corona पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। यह बुजुर्ग भी उज्जैन से आया था। अन्यथा अरांई कस्बा तो कोरोना से महफूज ही था।

कार्य में काफी सक्रियता दिखाई

प्रशासन को जैसे ही पता चला। वैसे ही बचाव व राहत के कार्य रातोंरात शुरू करा दिए। यहां के लोग तो रात में गहरी नींद में सो रहे थे। सुबह उठे तो कस्बा कफ्र्यू की बेडिय़ों में जकड़ा था। यह बात सत्य है कि अरांई में प्रशासन ने कीटनाशक दवा का छिडक़ाव, सेनेटाइजर का उपयोग, बेरिकेटिंग लगाने, सीमाएं सील करने, घर-घर स्वास्थ्य जांच व संदिग्धों को क्वारंटाइन में भेजने सहित अन्य कार्य में काफी सक्रियता दिखाई।

उसी का नतीजा है कि अरांई कस्बे में कोई दूसरा कोरोना पॉडिटिव केस नहीं मिला। कुल मिलाकर यह कहा जाए कि प्रशासन के प्रयासों से स्थिति जल्दी ही नियंत्रण में आ गई।
अरांई में सात दिन से बाजार, गली-मोहल्लों व रास्ते में सन्नाटे के सिवाए कुछ नहीं है। कस्बे की सभी सीमाएं सील होने से कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश तक नहीं कर पा रहा। कई दूधिए भी बैरंग लौट रहे हैं। आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुलने से लोगों में राहत है।

थानाधिकारी ओमप्रकाश मीणा के अनुसार अरांई के लोगों को अच्छा साथ मिल रहा है। कफर््यूग्रस्त इलाकों में गली-मोहल्लों के बाहर बांस व बल्लियां आदि लगाकर निगरानी जारी है। विकास अधिकारी मधुसूदन सिंह के निर्देश पर ग्राम विकास अधिकारी दौलत सिंह राठौड़ आमजन को दैनिक जरूरत का सामान उपलब्ध करवाने की व्यवस्था को संभाले हुए हैं।

चिकित्साकर्मियों की घर-घर दस्तक

सात दिन से अरांई में शांति है। बुजुर्ग के अलावा किसी दूसरे के कोरोना पॉजिटिव नहीं मिलने से राहत है। वैसे अरांई सहित आसपास के गांवों में प्रवासी मजदूर अपने-अपने पैतृत गांव आए हैं। जो देश के कई महानगरों व शहरों में मजदूरी व नौकरी करते थे। लॉकडाउन घोषित होते ही ऐसे कई लोग अपने-अपने घर आ गए जो होम आइसोलेशन व क्वारंटाइन में है।

गनीमत है कि इनमें से भी कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं है। वैसे चिकित्सा विभाग क्षेत्र में नजर बनाए हुए है। ब्लॉक सीएमओ डॉ. अनुज पिंगोलिया ने बताया कि ब्लॉक में चिकित्सकों सहित ६१ टीमें लगाकर नियमित रूप से लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। कन्टीनमेंन्ट जोन तथा बफर जोन में प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। गुरुवार को चौदह हजार सात सौ उनसठ लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।