अजमेर.
दिवाली का एक धमाका बाबू को दर्द दे गया। त्योहार की खुशी में किसी ने ऐसी आतिशबाजी की कि वह बुरी तरह घायल हो गया और उसे चिकित्सालय पहुंचना पड़ गया। इतना ही नहीं वह अभी तक भी ठीक से चल फिर नहीं पा रहा और दूसरों के रहमो-करम पर जीने को मजबूर है।
दरअसल बाबू कोई इंसान नहीं बल्कि वानर (लंगूर) है। और यह नाम उसे उसकी सार-संभाल कर रहे वनकर्मियों ने दिया है। दिवाली की रात वह फॉयसागर रोड जीसी-2 स्थित एक पेड़ पर सोया था कि किसी पटाखे से हुए धमाके से वह हड़बड़ा कर गिर गया। इससे वह गंभीर रूप से चोटिल हो गया।
जीसी-2 से अधिकारियों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचे वनपाल सत्यनारायण व वनरक्षक मेघनाथ ने उसे नया बाजार स्थित पशु चिकित्सालय पहुंचाकर उसका उपचार शुरू कराया। इसके बाद उसे जयपुर रोड स्थित घूघरा पौधशाला ले जाकर उसकी देखभाल की जा रही है। हालांकि उसकी हालत में सुधार है, लेकिन वह अब भी ठीक से चल नहीं पा रहा है।
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ऐसे में वनकर्मी ही उसके खाने-पानी का इंतजाम कर रहे हैं। वनरक्षक मेघनाथ ने बताया कि वह अब उन्हें पहचानने लगा है। उनकी एक आवाज पर वह दवा और खाने-पानी की सामग्री के लिए चला आता है। उसे सुरक्षा की दृष्टि से पौधशाला स्थित एक कमरे में रखा गया है। उसकी हालत में सुधार होने पर उसे वानरों के झुंड या फिर जीसी-2 में ही ले जाकर छोड़ दिया जाएगा।
कृषि आदान के लिए 96 नमूने, जांच को भेजेंगे
अजमेर. कृषि आदानों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत गत दिवस जिले में विशेष अभियान चलाकर आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस दौरान कृषि आदान के 96 नमूने लिए गए। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
कृषि विभाग के उप निदेशक वी. के. शर्मा ने बताया कि विभाग का प्रयास रहता है कि किसानों को उन्नत कृषि के लिए गुणवत्तापूर्ण कृषि आदान मिलें। इसी क्रम में समय-समय पर इनकी गुणवत्ता जांची जाती है। इसको लेकर जिले में कृषि आदान विक्रेताओं के यहां आकस्मिक निरीक्षण कर जांच की गई।
विभाग की ओर से चार दल गठित कर संयुक्त निदेशक कृषि यादवेन्द्र के नेतृत्व में निरीक्षण किया गया। इस दौरान खाद के 33, बीज के 36 व दवा के 27 समेत 96 नमूने लिए गए। एक विक्रेता के विक्रय पर रोक लगाई गई। लिए गए नमूनों को विभाग की ओर से अधिकृत प्रयोगशाला भेजकर जांच कराई जाएगी।