
marble industry
अजमेर.
संासद भागीरथ चौधरी ने कोविड-19 के चलते हुए आर्थिक नुकसान के चलते केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर मार्बल-ग्रेनाइट उद्योग को आवश्यक राहत देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि राजस्थान मार्बल एवं ग्रेनाईट उत्पाद का सबसे बड़ा केन्द्र है। कृषि के बाद यह सर्वाधिक रोजगार देने वाला व्यवसाय है। 33 जिलों में से 23 जिलों में मार्बल एवं ग्रेनाइट का खनन एवं उत्पादन का हो रहा है। 50 लाख लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं।
व्यापार है ठप
लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियां ठप हैं। मार्बल एवं ग्रेनाइट पर 2017 से जीएसटी की दर 18 प्रतिशत चली आ रही है। पूर्व में सेल्स टैक्स के समय उत्पादों की दर मात्र 5 प्रतिशत थी इससे दोनों उत्पादों के खनन एवं प्रसस्करण में 10 करोड़ का सम्भावित नया निवेश थम गया है। सरकार को मार्बल एवं ग्रेनाइट उद्योग के लिए एक आर्थिक पेकेज स्वीकृत करना चाहिए। साथ ही जीएसटी दर को 18 से कम कर 5 प्रतिशत करना चाहिए।
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जैसे मिली छूट, फिर बढऩे लगा अजमेर में पॉल्यूशन
रक्तिम तिवारी/अजमेर. कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए हुआ लॉकडाउन पर्यावरण के लिहाज से फायदेमंद साबित हुआ। मॉडिफॉइड लॉकडाउन के बाद से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है।
25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद सिटी बस, ऑटो टैम्पो, कार-जीप और दोपहिया वाहनों के पहिए थम गए थे। जिले के ब्यावर, पीपलाज की पत्थर, सीमेंट फैक्ट्रियों और किशनगढ़ के मार्बल यूनिट में भी उत्पादन ठफ रहा। इसका फायदा पर्यावरण को मिला। आम दिनों में 120 से 145 के बीच रहने वाला अजमेर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 41 से 45 जा पहुंचा।
Published on:
25 May 2020 08:39 am
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