
लाखों मरीजों का जिम्मा संभालने वाले भावी डॉक्टर्स (Doctors)पर मंडराता अवसाद !
चन्द्र प्रकाश जोशी
अजमेर (Ajmer). लाखों आमजन के स्वास्थ्य (Health)की खैर खबर लेने वाले एवं इलाज उपलब्ध कराने वाले भावी डॉक्टर्स पर 'अवसादÓ का खतरा मंडरा रहा है। दिन-रात मेडिकल की पढ़ाई एवं वार्ड, अस्पताल में ड्यूटी देने वाले एमबीबीएस (Mbbs) के छात्र-छात्राओं एवं रेजीडेंट चिकित्सकों को मनोरंजन एवं खेलकूद की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं।
अजमेर के जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज (Jln Medical College) सहित प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की जिन्दगी मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल एवं अस्पताल के मध्य गुजर रही है। हालात ये हैं कि न इंडोर खेल की सुविधाएं पर्याप्त हैं न आउटडोर खेल की। अजमेर के मेडिकल कॉलेज में एकमात्र वॉलीबॉल का मैदान है, जिसमें भी बारिश के दौरान पानी भर जाता है।
मेडिकल स्टूडेंट व रेजीडेंट डॉक्टर्स पर दबाव
1500 मरीजों का इंडोर जेएलएनएच में
3000 से 4000 मरीजों का आउटडोर जेएलएनएच में
400 मरीजों का इंडोर जनाना अस्पताल में
800-1000 मरीजों का आउटडोर जनाना अस्पताल में
150 मरीजों का इंडोर सैटेलाइट अस्पताल
1500 मरीजों का आउटडोर सैटेलाइट अस्पताल
नई गाइड लाइन : फाउंडेशन कोर्स भी औपचारिक रहा
मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की नई गाइड लाइन के अनुसार एमबीबीएस प्रथम वर्ष में नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के लिए एक माह का फाउंडेशन कोर्स पूरा किया गया, जिसमें बेसिक कोर्स कराना था मगर खेलकूद प्रतियोगिताओं व कक्षाओं का प्रावधान था मगर एक भी खेलकूद संबंधी क्लास नहीं हुई।
सुविधाओं से नहीं सरोकार
- क्रिकेट, फुटबॉल व हॉकी के लिए खेल मैदान नहीं।
- इंडोर गेम्स की नहीं सुविधा।
- स्वीमिंग पुल नहीं।
- इंडोर गेम्स के लिए कभ तक नहीं।
- खेल सामान तक नहीं।
व्यायामशाला पर ताला, सामान खा गए जंग
मेडिकल कॉलेज छात्र-छात्राओं के अनुसार कॉलेज में एक पुराने कमरे में व्यायामशाला बना रखी है, लेकिन इस पर दिनभर ताला लगा रहता है। कुछ सामान तो जंग खा गए हैं।
प्राइवेट जिम का सहारा
खुद को फिट रखने के लिए मेडिकल छात्र-छात्राएं व रेजीडेंट डॉक्टर्स प्राइवेट जिम में पहुंचकर खुद को फिट रखने का प्रयास करते हैं। प्रतिमाह हजारों रुपए खर्च कर रहे हैं।
अवसाद से ये घटनाएं बढ़ रहीं
- आपातकालीन इकाई में मरीजों के साथ झड़पें।
- मरीजों के परिजन व रेजीडेंट में मारपीट के मामले।
यहां है स्वीमिंग पुल
बीकानेर एवं जयपुर मेडिकल कॉलेज में ही स्वीमिंग पुल की व्यवस्था है। जबकि अजमेर सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में यह नहीं है।
इनका कहना है...
मेडिकल कॉलेज में पिछले महीने एक सप्ताह खेलकूद प्रतियोगिताएं कराई। अस्पताल की व्यायामशाला का निरीक्षण किया, कई निर्देश दिए हैं, इसमें टीवी भी जल्द लगाई जाएगी। सुबह-शाम 2-2 घंटे व्यायामशाला खुलती है। हॉस्टल में टीटी की एक टेबल लगवाई है। अब कायड़ में नई मेडिकल कॉलेज बनेगी, इसमें सभी खेलों के ग्राउंड तैयार कराएंगे। रेजीडेंट को अवसाद से मुक्त करने के लिए उनकी भी खेल प्रतियोगिताएं कराएंगे।
डॉ. वीर बहादुर ंिसह, प्रिंसीपल, जेएलएन मेडिकल कॉलेज
Published on:
14 Sept 2019 06:01 am
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