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सोमवती अमावस पर श्रद्धालुओं ने लगाई पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी

पितृों की आत्मा की शांति व प्रसन्नार्थ पिण्डदान व तर्पण  

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सोमवती अमावस पर श्रद्धालुओं ने लगाई पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी

सोमवती अमावस्या पर पुष्कर सरोवर में स्नान करते श्रद्धालु।

पुष्कर (अजमेर). श्रावण मास की सोमवती अमावस तिथी को श्रद्धालुओं ने पवित्र पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई तथा अपने पितृों की आत्मा की शांति व प्रसन्नार्थ पिण्डदान व तर्पण किए। कोरोना लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम रही। सुबह से ही सरोवर के वराह घाट व गऊ घाट पर सोमवती अमावस तिथि पर स्नानार्थियों की आवक शुरू हो गई। जो पूरे दिन चली। पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पुरोहितों को दान दक्षिणा दी गई। अमावस तिथी होने से पितृ प्रसन्नार्थ तर्पण व पिण्डदान किया गया।


लक्ष्मीपोल का मेला सूना
सावन मास की हरियाली अमावस हो नाग पहाड़़ी पर अजमेर के पूर्व राजा पृथ्वीराज चौहान के ध्वस्त किले की ड्योढ़ी को लक्ष्मीपोल के रूप में पूजे जाने की परम्परा पर लॉकडाउन का गहरा असर देखा गया यही कारण रहा कि पुष्कर कस्बे के युवाओं ने अलग अलग पहाड़ी की चोटी पर चढक़र लक्ष्मीपोल के पुष्प, नारियल अर्पित किए तथा पूजा की। गुर्जर समाज की ओर से भी नाग पहाड़ी को उनके आराध्य भगवान देवनारायण का अतिशय क्षेत्र मानकर इसी नाग पहाड़ी पर झंडारोहण किया जाता है लेकिन कोरोना के लॉकडाउन के कारण इस बार चंद गुर्जरसमाज के ही ही नाग पहाड़ी पर चढ़ पाए। मेला फीका रहा।