उजास और उल्लास के त्योहार दीपोत्सव में जहां अब चंद दिन रह गए हैं, वहीं शहर में पटाखों की दुकानें भी सज गई हैं। मुख्य बाजार मदारगेट, कवंड्सपुरा, पुरानी मंडी के अतिरिक्त वैशाली नगर, शास्त्री नगर, रामगंज, आदर्श नगर समेत अन्य इलाकों में पटाखों की दुकानें खुल गई हैं।
नहीं मंगवाया चाइनीज का स्टॉक शहर में पटाखों की दुकानों पर खरीदारी शुरू हो गई है, वहीं इस बार खास बात यह है कि इन दुकानों पर चाइनीज पटाखों का स्टॉक नजर नहीं आ रहा है। अधिकांश जगह दुकानदारों ने चाइनीज पटाखे नहीं मंगवाए जाने और इनमें शहरवासियों की रुचि कम होने की बात कही।
उनका कहना रहा कि चीन के पाकिस्तान के प्रति नरम रुख के चलते सोशल मीडिया पर चाइनीज सामान के बहिष्कार के संदेशों से बाजार प्रभावित होता है। ऐसे में इस बार इनका स्टॉक नहीं मंगवाया गया है।
अब इंडियन पॉप-पॉप मदार गेट पर पटाखा व्यावसायी मदन गर्ग ने बताया कि हल्की रोशनी और मामूली धमाके की आवाज वाले पॉप-पॉप पटाखे में बच्चों का अधिक रुझान रुहता है। पिछले साल तक यह पटाखे चाइनीज रहते थे, लेकिन बच्चों में अधिक डिमांड और चाइनीज सामान के बहिष्कार के संदेशों के चलते इस साल भारतीय पटाखा उद्योग ने इसका निर्माण किया है। ऐसे में दुकानों पर इस साल इंडियन पॉप-पॉप ही नजर आ रहे हैं।
ये पटाखे फिर लुभाएंगे बाजार में इस बार भी चकरी, फुलझड़ी, कलर अनार, हाई-फाई बम, रंगीन आतिशबाजी, लडिय़ां, चटर-पटर, छोटे और बड़े बम, रॉकेट समेत अन्य पटाखे भी उपलब्ध हैं। बाजार में 5 से लेकर 500 रुपए तक का पटाखा उपलब्ध है।
टिकिया की बंदूक का रुतबा कायम पिछले कुछ साल में तरह-तरह के पटाखे बाजार में आ गए हैं, लेकिन दशकों से बच्चों की पहली पसंद बनी टिकिया की बंदूक का पटाखों में रुतबा आज भी कायम है। यही कारण है कि लगभग हर दुकान पर 10 से 30 रुपए कीमत में लोहे और प्लास्टिक की बंदूक उपलब्ध है।
READ MORE : परीक्षकों की गलती से विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर शिवाकाशी से मंगवाए अजमेर में अधिकांश दुकानों पर पटाखे शिवाकाशी से मंगवाए गए हैं। दुकानदारों का कहना है कि शहर में 90 फीसदी पटाखे भारतीय पटाखा उद्योग की राजधानी शिवाकाशी से ही मंगवाए गए हैं, जहां छोटे-बड़े करीब 8000 कारखानों में पटाखों का निर्माण होता है।
यह बरतें सावधानी छोटे बच्चों के हाथ में तेज धमाके के पटाखे नहीं दें बच्चों के पटाखे छुड़ाते समय उनके आस-पास ही रहें जलते पटाखे लोगों और मवेशियों पर नहीं फैंकें
अस्पताल के आस-पास तेज आवाज के पटाखे नहीं छुड़ाएं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पटाखों के इस्तेमाल से बचें