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Discussion: नहीं हो वैक्सीन और लाइफ सेविंग ड्रग्स पेटेंट

भारत ने कोरोना वैक्सीन व औषधि विज्ञान के तहत आविष्कृत उत्पादों के सभी देशों का समान अधिकार होने की अवधारणा को पुष्ट किया है।

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teachers workshop

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अजमेर.

राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के तत्वावधान में मानव-जीवन वैक्सीन पेटेंट और विश्व व्यापार संगठन विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन हुआ। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोएडा के कुलपति प्रो. बी.पी.शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में वैक्सीन के पेटेंट व अन्य मुद्दों पर दुनिया के सभी देश भारत के साथ खड़े हैं। भारत ने कोरोना वैक्सीन व औषधि विज्ञान के तहत आविष्कृत उत्पादों के सभी देशों का समान अधिकार होने की अवधारणा को पुष्ट किया है।

अमरीका, यूरोप और ऑस्ट्रलिया कोरोना वैक्सीन की सुलभता के पक्षधर नहीं थे। लेकिन पूर्व राष्ट्राध्यक्षों, सांसदों के समर्थन के चलते उन्हें फैसला बदलना पड़ा। हमने वसुधैव कुटुम्बकम को सदैव बढ़ावा दिया है। इसके बूते ही देश को विश्व गुरू की उपाधि दी गई। उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया को समझाने में सफल रहा है। लेकिन अभी लम्बा सफर तय करना है।

वैक्सीन और जीवन रक्षक दवाओं को पेटेंट मुक्त रखा जाना चाहिए। ताकि दुनिया के सभी देशों को इसका लाभ मिले। देश की उपलब्धियों और इसके प्रयासों का राजनैतिक दृष्टि से विरोध करने वालों को भी सकारात्मक साथ देना चाहिए। संयुक्त सचिव डॉ. नारायण लाल गुप्ता विशिष्ट अतिथि रहे। प्रदेश महामंत्री डॉ सुशील बिस्सु ने स्वागत किया। डॉ. राजेश जोशी ने ईश वंदना की। प्रदेश संगठन मंत्री डॉ. दिग्विजय सिंह ने धन्यवाद दिया।