
प्रतीकात्मक तस्वीर: पत्रिका
Crime News: त्योहारी सीजन का फायदा उठाते हुए बाजार में जाली नोट चला रहे ग्राम देवखेड़ा के एक ई-मित्र संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे 100 रुपए के पचास एवं 200 रुपए के 208 नकली नोट जब्त किए हैं। पुलिस को ई-मित्र पर 46 हजार छह सौ रुपए के जाली नोट मिले। आरोपी ई-मित्र संचालक को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है। उसने पहले पांच सौ रुपए के जाली नोट बाजार में चलाए। इसके बाद एक सौ एवं दौ सो रुपए के जाली नोट चलाए ताकि ग्रामीणों को संदेह नहीं हो। यह जाली नोट की खेप कहां पर तैयार हुई। इसको तैयार करने में कितने लोग शामिल रहे। इन लोगों के सम्पर्क में किन-किन क्षेत्र के लोग थे। अन्य ई-मित्रों के जरिए भी कहीं अन्य क्षेत्रों में जाली नोट चलाए गए या नहीं? पुलिस इन सारे बिन्दुओं पर पडताल कर रही है।
प्रारिम्भक पड़ताल के अनुसार प्रकरण में तीन अन्य भी शामिल है। पुलिस उनके बारे में छानबीन कर रही है। माना जा रहा है कि ई-मित्र संचालक के पकड़े जाने के बाद तीनों फरार हो गए।
दो साल पहले तेजा मेले के दौरान एक महिला एवं दो युवकों को जाली नोट चलाते हुए पकडा था। पुलिस ने इनके कब्जे से पांच सौ रुपए के 90 नकली नोट यानी 45 हजार की नकली करंसी बरामद की थी। बाद में पडताल में सामने आया कि यह जाली नोट अजमेर में छापे गए थे। गौरतलब है कि भंवरिया पाटन निवासी दीपक, सुरेन्द्र एवं श्रवणी उर्फ सानिया को नकली नोट चलाते हुए पकडा था। इन्हें यह नोट नागौर जिले के थांवला पुलिस थानान्तर्गत ग्राम कल्याणपुरा निवासी दुर्गाराम उर्फ दुर्गेश ने उपलब्ध करवाए थे। पुलिस ने दुर्गाराम से पूछताछ की तो मामला के तार शिवलाल गोदारा से जा मिले। तत्कालीन समय में जब पुलिस ने शिवलाल के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि गोदारा सहित पांच जनों को नकली नोट प्रकरण में दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर चुकी थी।
Published on:
06 Nov 2024 12:52 pm
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