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अपने ड्राइंग रूम में बैठकर कराएं ई-रजिस्ट्री, नहीं लगाने पड़ेंगे आपको अजमेर के चक्कर

प्रदेश के सभी 518 उप पंजीयक कार्यालयों में ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा शुरू कर दी गई है।

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e-registary facility start in rajasthan

e-registary facility start in rajasthan

सुरेश लालवानी/अजमेर।

सम्पत्तियों अथवा दस्तावेजों की रजिस्ट्री के लिए अब पूरे राज्य में ई-पंजीयन की सुविधा शुरू कर दी गई है। रजिस्ट्री के लिए अब लोगों को सब रजिस्ट्रार कार्यालय में घंटों तक अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश के सभी 518 उप पंजीयक कार्यालयों में ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा शुरू कर दी गई है।
अब तक सम्पतियों की खरीद-फरोख्त सहित इकरारनामों संबंधी दस्तावेजों की रजिस्ट्री प्रक्रिया खासी मुश्किल मानी जाती थी।

सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रोजाना सैकड़ों लोग अपनी बारी के इंतजार में लगभग पूरा दिन खराब कर देते हैं। दस्तावेजों की जांच और मुद्रांक शुल्क की गणना के बाद स्टाम्प पेपर्स खरीदना और फिर दस्तावेजों को कम्प्यूटर में डिजिटलाइज करने के लिए कार्यालय में कार्मिकों को भी काफी समय लग जाता था।

अब घर से ही दस्तावेज सबमिट

प्रदेश के समस्त 518 सब रजिस्ट्रार और तहसीलदार कार्यालयों को ऑनलाइन कम्प्यूटराइज्ड कर लिया गया है। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में ई-पंजीयन की सुविधा शुरू कर दी गई है। रजिस्ट्री कराने वाले पक्षकारों को अपने कम्पयूटर, ई-मित्र या फिर कम्प्यूटर जॉब वर्क करने वालों के माध्यम से सभी दस्तावेज अपने क्षेत्र के उप पंजीयक कार्यालय में ऑनलाइन सबमिट करने होंगे। हालांकि बॉयोमेट्रिक पहचान, हस्ताक्षर और गवाही के लिए उन्हें सब रजिस्ट्रार कार्यालय तो जाना होगा, लेकिन पहले ही दस्तावेज ऑनलाइन सबमिट होने की वजह से उन्हें रजिस्ट्री का समय आवंटित कर दिया जाएगा।

मुद्रांक शुल्क का भी स्वयं करें आंकलन
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने पूरे प्रदेश के क्षेत्रों की डीएलसी दरें, मुद्रांक शुल्क एंव पंजीयन शुल्क की दरें ऑनलाइन उपलब्ध करा दी हैं। विभाग की वेबसाइट पर अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा दर्ज करते ही सम्पत्ति का मूल्य, रजिस्ट्री के समय लगने वाले मुद्रांक व पंजीयन शुल्क की जानकारी मिल जाएगी। पक्षकार यह शुल्क भी ऑनलाइन ई-स्टेम्पिंग अथवा राज्य सरकार की ऑनलाइन भुगतान सुविधा ई-ग्रास के माध्यम से घर बैठे ही जमा करा सकते हैं।

ई-रजिस्ट्री की सुविधा पूरे प्रदेश में शुरू कर दी गई है। अब लोगों को दस्तावेज पंजीयन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वे डीएलसी दर के हिसाब से अपनी सम्पत्ति का मूल्यांकन और उस पर लगने वाले मुद्रांक शुल्क की भी घर बैठे जानकारी ले सकते हैं।

- डॉ. राजेश शर्मा, महानिरीक्षक, पंजीयन एवं मुद्राक विभाग राजस्थान