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EARTHQUAKE :हिमालय की बढ़ती ऊंचाई बनी खतरा, एक झटके में हिलाया राजस्थान को

अजमेर सहित जिले के विभिन्न इलाकों में शनिवार को धरती धूजी। दोपहर करीब 3.20 से 3.23 बजे के दौरान भूकम्प के हल्केझटके महसूस हुए।

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earthquake in rajasthan this may be the reason of earthquake

अजमेर . अजमेर सहित जिले के विभिन्न इलाकों में शनिवार को धरती धूजी। दोपहर करीब 3.20 से 3.23 बजे के दौरान भूकम्प के हल्केझटके महसूस हुए। दहशत के चलते लोग घरों-दफ्तरों से बाहर निकल गए। शहर में परिवहन विभाग भवन और फायसागर रोड पर एक समारोह स्थल में हल्की दरारें आई। अलबत्ता कहीं जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। रिक्टर पैमाने पर भूकम्प की तीव्रता 4.2 मापी गई है। इसका केंद्र दक्षिणी चीन के शियांग क्षेत्र में बताया गया है।

शनिवार दोपहर करीब 3.20 बजे अजमेर के वैशाली नगर, माकड़वाली रोड, दरगाह बाजार, फायसागर रोड, नागफणी, कोटड़ा, आनासागर लिंक रोड और अन्य इलाकों में भूकम्प के हल्के झटके महसूस हुए। धरती करीब 5 से 15 सैेकंड तक धूजी।

किसी अनहोनी की आशंका के चलते कई लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल गए। पूरे शहर में भूकम्प के झटकों को लेकर चर्चाएं रही। परिवहन विभाग के भवन और फायसागर रोड पर एक समारोह स्थल में दरार भी आई। जिले के भिनाय और पीसांगन उपखंड में भी भूकम्प के झटके महसूस हुए। पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर स्थित ब्रह्म चौक और आसपास के इलाकों में कुर्सियां-मेज हिलती दिखी। ब्यावर, किशनगढ़ और आसपास के इलाकों में भी धरती में कम्पन महसूस किया गया।

2015 में तीन बार आया भूकम्प

...वर्ष 2015 में तीन बार भूकम्प के झटके महसूस किए गए। 25-26 अप्रेल को नेपाल में आए भूकम्प का असर अजमेर-पुष्कर क्षेत्र में भी महसूस किया गया। इसके बाद 12 मई को नेपाल के कोडारी इलाके में फिर भूकम्प आने से अजमेर जिले में धरती धूजी थी। यह भूकम्प अरावली की पहाडिय़ों में आकर खत्म हुआ था।

...2013 में भी धूजी थी धरती24 फरवरी 2013 में भी अजमेर में भूकम्प के हल्के झटके आए थे। तब इसका मुख्य केंद्र न्यूजीलैंड की तोलागा पहाड़ी थी। अजमेर सहित पुष्कर, भिनाय और आसपास के इलाकों में 1 से 2 सैकंड तक धरती धूजी थी। इससे पहले वर्ष 1992-93 में मार्च महीने में कुछ सैकंड के लिए अजमेर में धरती धूजी थी।


अरावली में हैं कई फॉल्ट एसपीसी-जीसीए के भूगोल के व्याख्याता डॉ. मिलन यादव ने बताया कि अरावली में खनन, विस्फोट और अन्य गतिविधियों जारी है। इसमें बीच-बीच में अवरोध भी हैं। वहीं हिमालय पर्वत की ऊंचाई धीरे-धीरे बढ़ रही है। वहां भारी प्लेट्स नीचे और हल्की प्लेट्स ऊपर की ओर बढऩे लगी हैं। इसके चलते रूस, चीन सहित भारत के विभिन्न इलाकों में भूकम्प के झटके महसूस होते हैं।