
parent teacher meeting
अजमेर.
स्कूल की तर्ज पर पेरेंट-टीचर मीटिंग की योजना कॉलेज में ज्यादा कामयाब नहीं हुई। अधिकांश कॉलेज में 80 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थी (students) इससे दूर रहे। स्कूली बच्चों (school childs) की तरह अभिभावकों (parents) को कॉलेज ले जाना उन्हें रास नहीं आया।
उच्च शिक्षाने सत्र 2019-20 से प्रदेश के सभी कॉलेज में अभिभावक संवाद कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। शनिवार को पहला संवाद कार्यक्रम (get together) रखा गया था। इसमें छात्र-छात्राओं (students) को परिजनों के साथ पहुंचना था। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, राजकीय कन्या महाविद्यालय, लॉ कॉलेज सहित अन्य संस्थानों में यह कार्यक्रम हुआ।
कहीं 12 तो कहीं 40 परिजन
अधिकांश कॉलेज से छात्र-छात्राएं कार्यक्रम से दूर रहे। ज्यादातर छात्राएं और छात्र बिना अभिभावकों के कॉलेज पहुंचे। वे कैंटीन (canteen) या चाय की थडिय़ों (tea stall) पर गपशप लड़ाते नजर आए। कन्या महाविद्यालय में 20 छात्राओं के अभिभावक पहुंचे। कुर्सियों (chairs) पर छात्राएं बैठी नजर आई। लॉ कॉलेज में भी संख्या 11-12 ही रही। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में भी 30-40 अभिभावक ही पहुंचे।
नहीं पसंद आया प्रयोग
विद्यार्थियों को स्कूली बच्चों की तरह पेरेंट-टीचर मीटिंग का प्रयोग पसंद नहीं आया। 80 प्रतिशत विद्यार्थियों ने इसे तवज्जो नहीं दी। अलबत्ता जो छात्र-छात्राएं (students)अपने अभिभावको के साथ पहुंचे उनसे कॉलेज प्रशासन ने शैक्षिक विकास योजनाओं पर चर्चा की। मालूम हो कि कई कॉलेज ने इसके लिए पीले चावल भी बांटे थे।
ये हुआ पहली बैठक में
-अभिभावकों को दिखाई कक्षाएं, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला
-बताई कक्षाओं, शैक्षिक और सह शैक्षिक कार्यक्रमों के बारे में
-विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति नियम की दी जानकारी
-परिजनों ने लॉ कॉलेज की शहर से दूरी का दिया तर्क
-परिजनों ने कॅरियर और रोजगारोन्मुखी कोर्स की बताई जरूरत
Published on:
13 Oct 2019 08:50 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
