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लोग डरते हैं बिजली के करन्ट से, इनका नहीं चलता करन्ट के बिना कोई काम

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electric rail track

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अजमेर.

दिल्ली से अहमदाबाद के बीच बिजली से ट्रेन चलाने की परियोजना का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। धीमी गति से चल रहे कार्य की वजह से यह परियोजना अपने निर्धारित समय पर पूरी नहीें हो पाई है। इस परियोजना के तहत अजमेर से अहमदाबाद और अजमेर से उदयपुर के बीच 2018 में बिजली से ट्रेन चलाने की योजना थी लेकिन अब तक पूरे रेलवे ट्रेक को विद्युतीकृत ही नहीं किया जा सका है।

रेवाड़ी से पालनपुर के बीच लगभग 750 किलोमीटर रेलवे लाइन पर बिजली से ट्रेन चलाने की परियोजना 2013 में शुरू हुई थी। इस परियोजना पर लगभग 17 सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे। इसके तहत इस मार्ग पर 2018 में डीजल इंजन की जगह बिजली के इंजन से ट्रेन चलाने का लक्षय रखा गया था।

अजमेर-पालनपुर परियोजना

अजमेर मंडल में रेलवे को विद्युतीकृत करने की योजना के तहत मदार से पालनपुर के बीच लगभग 366 किलोमीटर रेलवे लाइन को विभिन्न चरणो में विद्युतीकृत किया जा रहा है। इस पर 388 करोड़ 89 लाख रुपए खर्च होंगे। इस परियोजना पर 2014 से कार्य चल रहा है। विभिन्न चरणों में ट्रेक को विद्युतीकृत करने का काम फिलहाल रफ्तार नहीं पकड़ पाया है।

अजमेर-उदयपुर के बीच भी इलेक्ट्रिक ट्रेन
अजमेर-अहमदाबाद रेल मार्ग के अलावा अजमेर मंडल में ही अजमेर-उदयपुर के बीच भी बिजली से ट्रेन चलाने की योजना पर काम चल रहा है। नसीराबाद, बिजयनगर, भीलवाड़ा, चित्तौड व मावली होते हुए 294 किलोमीटर रेलवे ट्रेक को विद्युतीकृत करने के लिए 330 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके है। इस मार्ग पर भी विभिन्न रेल खंड पर विद्युतीकरण का काम चल रहा है।

इसी वर्ष मार्च में मांडल से नसीराबाद के बीच लगभग एक सौ किलोमीटर लाइन को विद्युतीकृत करके इस पर बिजली से बिजली का इंजन चलाने का परीक्षण भी किया गया था। अलबत्ता अजमेर-उदयपुर रेलवे लाइन पर भी बिजली से ट्रेन चलाने का कार्य अब अगले साल ही हो पाएगा।


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