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Engineering college: कन्वोकेशन में मिलेगी टेक्नोक्रे्टस को डिग्री

locationअजमेरPublished: Aug 18, 2019 09:14:54 am

Submitted by:

raktim tiwari

दोनों कॉलेज ने समारोह में डिग्री वितरण, स्मृति चिन्ह, पंजीयन और अन्य कमेटियां गठित की हैं। पिछले साल महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में 27 सितंबर को संयुक्त समारोह हुआ था।

engineering college ajmer

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अजमेर. बॉयज इंजीनियरिंग और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में सोमवार को दोपहर करीब 2 बजे दीक्षांत समारोह (convocation ceremony) होगा। इस दौरान छात्र-छात्राओं को डिग्रियों का वितरण (degree distribution) होगा।

राजस्थान तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय ने पिछले साल से प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज (engineering college) में भी दीक्षांत (dikshant) समारोह का आयोजन प्रारंभ किया। सोमवार को राजकीय बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में समारोह (function) होंगे। इस दौरान छात्र-छात्राओं (technical students) को उपाधियां (degrees) बांटी जाएंगी। पिछले साल की तरह छात्राओं को सफेद सलवार सूट (salwar suit)या सफेद साड़ी (white saree) और छात्रों को सफेद कुर्ता-पायजामा (kurta-pajama ) पहनना होगा।
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अतिथि भी होंगे ड्रेस में

अतिथि और शिक्षक भी पारंपरिक ड्रेसकोड (traditional dress code) में होंगे। दोनों कॉलेज ने समारोह में डिग्री वितरण, स्मृति चिन्ह, पंजीयन और अन्य कमेटियां गठित की हैं। मालूम हो कि पिछले साल महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में 27 सितंबर को संयुक्त समारोह हुआ था।
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एक भी सीट नहीं सरकारी

प्रदेश के एकमात्र महिला इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज में छात्राएं भारी-भरकम फीस (fees)चुका रही हैं। कॉलेज को सरकारी ‘नियंत्रण ’ लेने के प्रस्ताव (proposal) पर धुंध छाई हुई है। यहां तमाम सीट सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम की हैं।जबकि बॉयज और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में सरकारी सीट आवंटित (govt seat) की गई हैं। ऐसे में छात्राओं और उनके परिजनों को नुकसान हो रहा है।
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कब जाएगा सरकार के अधीन…

पिछली भाजपा सरकार ने साल 2017 में अजमेर के महिला सहित झालवाड़ और बारां इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में लेने का फैसला किया था। इससे बेटियों को सभी कोर्स में सरकारी फीस लागू (govt fees) होने की उम्मीद बंधी थी। दो साल बीतने के बावजूद प्रस्ताव का अता-पता नहीं है। कॉलेज छात्राओं (girls) को सेल्फ फाइनेंसिंग सीट (SFS seat) पर दाखिले मिल रहे हैं। इसकी एवज में उन्हें ज्यादा फीस चुकानी पड़ रही है।

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