
Prisoners Hunger strike- समझाइश रही नाकाम, नहीं माने हार्डकोर बंदी
अजमेर. हाई सिक्योरिटी जेल में भूख हड़ताल पर बैठे हार्डकोर बंदियों से बुधवार को जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों की समझाइश भी नाकाम रही। बंदियों ने प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से दिए गए आश्वासन पर जेल मुख्यालय की ओर से लिखित में दिए जाने पर अनशन तोडऩे की शर्त रख दी। बंदियों के नहीं मानने पर प्रशासनिक अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अरविन्द सेंगवा की मौजूदगी में हाई सिक्योरिटी जेल अधीक्षक नरेन्द्रसिंह ने अनशन पर बैठे 6 हार्डकोर बंदी मांगीलाल विश्नोई, सुनील, दीपक मलिक, सुनील लुहार, विजेन्द्रसिंह, सुभाष मूंड से बातचीत की। सेंगवा ने बंदियों की समस्याएं सुनते हुए उनकी मांग पर चर्चा की। सेंगवा के मुताबिक बंदियों की प्रमुख मांग में उन्हें हाई सिक्योरिटी जेल में रखे जाने और यहां होने वाली रिव्यू मिटिंग थी। उन्होंने बताया कि हाई सिक्योरिटी जेल में उन्हें रखने से उनके परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
नहीं मिलते चालानी गार्ड
हार्डकोर बंदियों ने बताया कि रिव्यू मिटिंग के अतिरिक्त जिला पुलिस की ओर से उन्हें समय पर चालानी गार्ड नहीं मिल रहे। इससे उनकी कोर्ट में पेशी नियमित नहीं हो पा रही है। मामले में सेंगवा ने कलक्टर की ओर से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखने का आश्वासन दिया।
22 दिन से भूख हड़ताल
हार्डकोर बंदी जेल में 22 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जेल प्रशासन ने मांगीलाल, सुनील और दीपक को तबीयत बिगडऩे पर 31 अगस्त को जेएलएन अस्पताल के बंदी वार्ड में भर्ती कराया। यहां काफी समझाइश के बाद उन्होंने इलाज लिया, लेकिन खाना नहीं खाया। इसके बाद उन्हें पुन: जेल भेज दिया। जेल पहुंचने पर तीनों फिर से अन्य साथियों के साथ अनशन पर बैठ गए।
इनका कहना है...
भूख हड़ताल पर बैठ बंदियों से वार्ता की गई। उनकी समस्याएं और मांग को सुना। प्रमुख मांग हाई सिक्योरिटी जेल में रखने को लेकर रिव्यू बैठक है। उन्हें दी जाने वाली न्यूनतम सुविधाएं पर चर्चा की गई। उन्होंने आपसी चर्चा के बाद अनशन तोडऩे का विश्वास दिलवाया। बंदियों को मेडिकल सुविधा दी जा रही है। वार्ता से जुड़ी बातों को जेल मुख्यालय को भेजा जाएगा।
अरविन्द सेंगवा, अरिक्ति जिला कलक्टर (शहर)
Published on:
19 Sept 2019 05:00 am
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