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वाह रे सरकार….कौन सुने किसानों का दर्द, नहीं कर बैंक अधिकारी ये खास काम

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farmers crops report

farmers crops report

अजमेर.

अजमेर सैन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की वित्तीय वर्ष 2017-18 की 108वी वार्षिक आमसभा सूचना केन्द्र में हुई। मुख्यअतिथि संसदीय सचिव सुरेश रावत थे। बैंक अध्यक्ष मदन गोपाल चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुुरुआत की। बैठक में किसानों नें हाल ही हुई बरसात से खराब हुई मूंग फसल का मामला उठाया।

बैंक के पूर्व अध्यक्ष जयराम चौधरी, पूर्व संचालक श्रवण सिंह रावत ने बैक द्वारा समिति क्षेत्र के किसानों को समय पर ऋण वितरण नहीं होने का मुद्दा उठाया। जयराम ने कहा कि जिले में कई स्थानों पर मूंग की 70 प्रतिशत फसल खराबा होने पर भी कृषि विभाग ने सर्वे प्रारम्भ कर रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजी है। किसानों की फसल खराब होने से उन्हें वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस पर संसदीय सचिव सुरेश रावत इस मामले में जिला कलक्टर से वार्ता कर सर्वे प्रारम्भ करवाने का आश्वासन दिया।

समितियों को भी चुकानी होगी ब्याज की राशि,बनी सहमति
बैक अध्यक्ष मदन गोपाल चौधरी ने बताया कि नाबार्ड से राशि समय पर बैक को प्राप्त नहीं होने पर बैक को वित्तीय हानि होती है। नाबार्ड अगस्त में ही रियम्बर्स करता है। यदि अप्रेल में बैंक को नाबार्ड से पैसा लेना होता है तो अप्रेल से अगस्त का तक ब्याज 2.60 की दर से चुकाना पड़ता है। इससे बैंक पर वित्तीय भार पड़ता है। यदि समितियां भी ब्याज की आधी राशि चुकाएं तो अप्रेल में ही ऋण वितरण किया जा सकता है। बैठक मेंं इस मामले को लेकर सहमति बनी।

कई समिति पदाधिकारियों ने कहा कि हमसे ब्याज के नाम पर राशि वसूली गई है। इस पर मदन गोपाल ने कहा कि समितियों को 70 लाख रुपए लौटाए गए हैं और भी राशि भी लौटाई जाएगी। इस पर सुरेश रावत ने कहा कि वे केन्द्र सरकार/ राज्य सरकार से आग्रह किया जाएगा कि नाबार्ड आगामी वर्षों में अल्पकालीन फसली ऋण नीति को समय पर जारी करे।

आमसभा में किसानों की ऋण माफी को लेकर हंगामा किय। नए सदस्यों को ऋण नहीं मिलने,नाबार्ड द्वारा बैंकों को सरवाइकल के लिए राशि नहीं मिलने की भी मांग की।

बैंक का संचित लाभ 202.90
बैंक अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2017-18 तक बैंक का संचित लाभ 202.90 लाख रूपये है, जो कि बैंक की आर्थिक सुदृढता को प्रदर्शित करता है। बैंक द्वारा वर्ष 2017-18 में कृषकों को खरीफ 2017 व रबी 2017-18 हेतुु 450 करोड़ रुपए के लक्ष्यों के विरुद्ध 66.54 करोड़ का ऋण वितरित किया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में 260.00 करोड लक्ष्यों के विरूद्ध खरीफ 2018 में 225 करोड़ रुपए का ऋण वितरण किया जा चुका है।

किसानों को ऋण राशि का आहरण अपने एटीएम कार्ड से कर सकें इसके लिए बैंक द्वारा सभी कृषको को फोटो युक्त नि:शुल्क रूपे केसीसी कार्ड उपलब्ध कराये है। वर्ष 2018-19 हेतु बैंक की आम सभा में बैंक के कुल वार्षिक ऋण वितरण के लक्ष्य 500 करोड़ रुपए वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया एवं बैक का 3680 लाख रुपए का बजट पारित किया गया जिसमें बैंक का सम्भावित लाभ 50 लाख रुपए है।

किसानों की बीमा राशि बढ़ाई
वर्ष 2018-19 में ऋणी सदस्यों के लिए सहकार जीवन सुरक्षा येाजना व राज सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना प्रारम्भ की गई। क्लेम राशि को जो गत वर्ष वर्ष 6 लाख थी, उसे बढा कर 10 लाख रुपए किया गया है बैंक अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अधिनियम की जानकारी सदन को दी। उन्होंने सरकार से मांग की कि इसके लिए अजमेर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना जाए।

बीएससी एजी की बाध्यता हटाएं
पूर्व अध्यक्ष जयराम चौधरी ने बताया कि समितियों द्वारा खाद-बीज वितरण के लिए उस समिति व्यवस्थापक/सैल्समैन का बीएससी एग्रीकल्चर होना आवश्यक है। इस न्यूनतम योग्यता में छूट प्रदान की जाए। इस पर बैंक अध्यक्ष ने आम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया कि इस छूट के लिए सरकार/सहकारिता विभाग को पत्र लिखा जाए।