
cbse teachers award
शैक्षिक क्षेत्र (academic filed) में उल्लेखनीय कार्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण (qaulity teaching) के लिए सीबीएसई (central board of secondary education ) गुरुवार को शिक्षकों का सम्मान करेगा। इसके लिए देश के 35 शिक्षकों का चयन किया गया है। समारोह का आयोजन दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में किया जाएगा।
सचिव अनुराग त्रिपाटी के अनुसार शैक्षिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मान (teachers felicitation) प्रदान किया जाएगा। मुख्य अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (minister ramesh pokhriyal) होंगे। सम्मान लेने वाले शिक्षकों में नई दिल्ली, केरल, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल के शिक्षक शामिल हैं।
राजस्थान के दो शिक्षक
सीबीएसई ने देश भर से 35 शिक्षकों का चयन किया है। इनमें राजस्थान (rajasthan) से जयपुर (jaipur) की शिक्षिका मनीषा चौधरी और श्रीगंगानगर (sri ganganagar) की शैल शर्मा शामिल हैं। इसके अलावा तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित पूर्वोत्तर राज्यों से शिक्षक शामिल नहीं है।
अजमेर रीजन कराएगा सिर्फ राजस्थान और गुजरात की परीक्षा
सीबीएसई साल 2020 में सिर्फ राजस्थान और गुजरात (rajasthan and gujrat) के स्कूल की परीक्षाएं (exam) कराएगा। यहां से मध्यप्रदेश और दादर नागर हवेली के स्कूल नए रीजन में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में अजमेर रीजन से करीब 1.50 लाख विद्यार्थी घट जाएंगे। सीबीएसई के पूर्व में नई दिल्ली, प्रयागराज, अजमेर, चेन्नई, देहरादून, गुवाहाटी, पंचकुला, पटना, तिरुवनंतपुरम और भुवनेश्वर रीजन शामिल थे। बोर्ड ने फरवरी में बेंगलूरू, चंडीगढ़, भोपाल, नोएडा, पुणे एवं दिल्ली वेस्ट रीजन गठित किए हैं। इससे अजमेर रीजन से करीब 1.50 लाख विद्यार्थी (students) कम हो गए हैं।
सीबीएसई के लिए खास रहा है अजमेर
ब्रिटिशकाल में 1921 में उत्तर प्रदेश (uttar pradesh)में बोर्ड ऑफ हायर एवं इंटरमीडिएट एज्यूकेशन की स्थापना की गई थी। इसमें सेंट्रल इंडिया (central india) , ग्वालियर (gwalior) और राजपुताना रीजन (rajputana region) शामिल था। तत्कालीन सरकार ने 1929 में बोर्ड ऑफ हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट एज्यूकेशन राजपुताना की स्थापना की। इसमें अजमेर-मेरवाड़ा, सेंट्रल इंडिया और ग्वालियर को शामिल किया था। पहले इसका दफ्तर सुंदर विलास में था। टोडरमल लेन में इसका नया दफ्तर (मौजूदा भवन)बनाया गया। यहां तत्कालीन राष्ट्रपति (president of india) डॉ. जाकिर हुसैन (तब बोर्ड अध्यक्ष) भी कामकाज कर चुके हैं।
Published on:
11 Sept 2019 08:20 pm
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