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अजमेर

प्रधानमंत्री आवास योजना के डिमांड सर्वे में खामियां

प्रधानमंत्री आवास योजना हाउसिंग फॉर ऑल-2022
कंसल्टेंट कम्पनी के सर्वे में 46 प्रतिशत आवेदनों में त्रुटियां

अजमेरSep 14, 2019 / 10:14 pm

bhupendra singh

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अजमेर. गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना(Pradhan Mantri Awas Yojana) हाउसिंग फॉर ऑल-2022 (housing for all)के आवास निर्माण/विस्तार के लिए सहायता उपलब्ध कराने की योजना अजमेर में परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है। इस योजना के डिमांड सर्वे के लिए रूडसिको ने कंसल्टेंट कम्पनी मैसर्स रूद्राभिषेक इंटरप्राजेज को दो साल पूर्व ठेका दिया। कम्पनी ने इस योजना के तहत अजमेर शहर में 18 हजार 681 परिवारों का सर्वे किया। अजमेर विकास प्राधिकरण ने जब कम्पनी के द्वारा किए गए सर्वे की रेंडमली 25 प्रतिशत कुल 4863 आवेदन फार्मों की जांच की तो इनमें से 2600 आवेदन पत्र सही और 2263 (46 प्रतिशत) सर्वे फार्म में त्रुटियां सामने आईं। कंसलटेंट द्वारा मुख्यत: वर्टिकल वाइज नया घर या घर वृद्धि के निर्धारण में किया गया।
दोबारा सर्वे के आदेश हवा

सर्वे में सामने आई खामियों व शेष रहे आवेदन पत्रों की कमी पूर्ति के लिए सम्बन्धित फर्म को निर्देशित करने के लिए प्राधिकरण ने रूडसिको के परियोजना निदेशक (आवास) को पत्र लिखा। रूडसिको ने कंसलटेंट कम्पनी को पुन: सर्वे का आदेश दिया, लेकिन अब तक कम्पनी का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। वहीं कम्पनी के अनुसार रूडसिको ने उसे भुगतान नहीं किया है। इसलिए कार्य शुरू करने में वह असक्षम है।
डीएलबी ने कहा, एडीए करे जांच
स्थानीय निकाय विभाग (डीएलबी) ने एडीए को ही सभी आवेदन पत्रों की जांच के निर्देश दिए। इसके बाद प्राधिकरण आयुक्त के निर्देश पर सभी फार्मों का एडीए अभियंताओं व पटवारियों ने घर-घर जाकर पुन: प्रमाणित किया। प्राधिकरण ने कंसलटेंट कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराए गए आवेदन पत्रों में लगभग 12 हजार की मौके पर जांच की। इसमें से 49 आवेदन पत्र व अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी (एएचपी) के 7058 आवेदन पत्रों की डीपीआर में फीडिंग कर रूडसिको भेजी गई, जबकि शेष आवेदन अपात्र पाए गए। 4418 बीएलसी आवदकों के फार्म भी रूडसिको से प्राप्त नहीं होने के कारण इन्हें आधार से नहीं जोड़ा जा सका। प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक ‘व्यक्तिगत लाभार्थी आधारित आवास निर्माण (बीएलसी)’ में नवीन लाभार्थी के लिए प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई योजनाओं में कमजोर आयवर्ग (ईडब्ल्यूएस) एवं अल्प आय वर्ग (एलआईजी) से आवेदन प्राप्त किए गए हैं।
इनका कहना है…
कंसल्टेंट के सर्वे में खामियां सामने आई थीं। हमने सर्वे कर खामियों को दूर किया है। 7 हजार फार्म सही पाए गए हैं। शेष के दस्तावेजों में कमियों हैं। प्रथम चरण में 2 हजार आवेदकों को फ्लैट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जमीन चिन्हित की जा रही है।
सुभाष गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभिंयता, एडीए

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