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पुष्कर में विदेशी सैलानियों ने जमकर उठाया देसी होली का लुफ्त, डीजे पर थिरके, रंग- गुलाल उड़ाया

आज देशभर में रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया जा रहा है। रंग-बिरंगे राजस्थान में देशी-विदेशी लोगों ने राजधानी जयपुर से लेकर पुष्कर तक उत्साह के साथ होली खेली।

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Holi in Rajasthan : आज देशभर में रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया जा रहा है। रंग-बिरंगे राजस्थान में देशी-विदेशी लोगों ने राजधानी जयपुर से लेकर पुष्कर तक उत्साह के साथ होली खेली। जयपुर में देशी के साथ विदेशी मेहमानों ने भी जमकर होली खेली। गुलाल गोटा एक दूसरे पर फेंक कर धूमधाम से होली मनाई।

तीर्थराज पुष्कर में भी विदेशी मेहमानों के साथ स्थानीय लोगों ने खुलकर होली मनाई। अजमेर जिले की धार्मिक नगरी पुष्कर में होली को लेकर देशी-विदेशी पर्यटकों में खासा उत्साह देखने को मिला। पुष्कर के मेला मैदान में रेतीले तटों पर आयोजित होली उत्सव में हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों ने डीजे की धुन पर डांस किया और एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।

हिल स्टेशन माउंट आबू पहुंचे पर्यटक होली के रंग में रंगे नजर आए। पर्यटकों ने एक दूसरे को गुलाल और रंग लगाकर होली खेली और गानों पर डांस किया। माउंट आबू के मुख्य बाजार में गुजरात समेत अन्य राज्यों से आए पर्यटकों ने स्थानीय लोगों के बीच गुलाल लगाया। इन पर्यटकों में होली का इतना जुनून दिखा कि भाषा का अंतर भी आड़े नहीं आया। उधर, ब्रह्माकुमारी संस्थान के ज्ञान सरोवर में रूस, यूक्रेन समेत कई देशों से आए विदेशी मेहमानों ने अलग अंदाज में होली मनाई।

झालावाड़ और झालरापाटन में पारंपरिक 'कपड़ा फाड़' होली खेली गई। लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं और झालरापाटन में होली के लिए प्रसिद्ध पारंपरिक कपड़े फाड़ने के दृश्य देखने को मिले। इस बार भी नवाबी शहर टोंक में सदियों पुराने बादशाह का जुलूस बड़ी धूमधाम से निकाला गया।

पुरानी टोंक के हीरा चौक में सदियों पुरानी कोड़ा मार होली खेली गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि सोलंकियों के शासन के कारण ही टोंक में कोड़ामार होली खेली जाती है। आज भी चौराहे के मध्य में रंगों से भरी कड़ाही रखी जाती थी और कोड़े बनाकर सात महिलाओं को सौंप दिए जाते थे। इसके बाद जो भी युवक रंग लेने आया उसकी जमकर पिटाई की गई। प्रदेश में रंगों के इस त्योहार को लोगों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया। कहीं फूलों से होली खेली गई तो कहीं अबीर-गुलाल लगाकर लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी।

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