महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि आनासागर झील अब नालों के पानी नहीं बल्कि सौंदर्य के लिए जानी जाती है। राजस्थान पत्रिका के बर्ड फेयर ने झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है। झील में पक्षियों के कलरव ने अब नजरें और नजारे बदल दिए हैं।
विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि पक्षी जीवन में आनंद की अनुभूति कराते हैं। पत्रिका के प्रयासों से बर्ड फेयर अब अजमेर की पहचान बन चुका है। पक्षियों को बचाने के लिए प्रशासन ने भी अब चाइनीज मांझे पर रोक लगाई। सागर विहार झील में प्राकृतिक मिनी बर्ड पार्क का निर्माण कराया है।
अतिथियों ने आसमान पर रंग-बिरंगे गुब्बारे छोड़कर 2021 में मिलने का संदेश दिया। बर्ड फेयर के आयोजन पर शहरवासियों ने भागीदारी निभाई। कई देशी और विदेशी पर्यटक और पक्षीविद् पक्षियों के फोटो लेने और उनके बारे में बताते नजर आए।
जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने कहा कि बर्ड फेयर में बच्चों ने कैनवास पर सतरंगी संसार उकेरा। उन्होंने पक्षियों और प्रकृति के लिए जैसे भाव दर्शाए वह सराहनीय है। कभी चिडिय़ा की चहचहाट से नींद खुलती थी। दुर्भाग्य से गौरेया और अन्य चिडिय़ा अब लुप्त हो रही हैं।
राजस्थान पत्रिका की ओर से चतुर्थ अन्तरराष्ट्रीय बर्ड फेयर 2020 का रीजनल कॉलेज के सामने चौपाटी पर समापन पर मंचासीन अतिथि।
राजस्थान पत्रिका, जिला प्रशासन, नगर निगम और एडीए के तत्वावधान में आयोजित समारोह में पेंटिंग, वीडियो-मोबाइल स्पर्धा के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
बर्ड फेयर के समापन पर उपस्थित शहरवासी।
एमडीएस यूनिवर्सिटी : आकांक्षा वर्मा, कंदालिका सारस्वत, रौनक चौधरी, मनीषा शर्मा, आशीष पाटीदार, स्वाति यादव।
फोटोग्राफी : रक्षित शर्मा, सनातन शर्मा, वैभव माथुर, ऋषिराज सिंह, अमित भाटी, नरेन्द्र सचेती, तार्किक वर्मा, ऋषभ सचेती, दिवाकर यादव, सुनीता दास।