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अजमेर. जमीनों की रजिस्ट्री करवाने के दौरान फर्जीवाड़ा कर ई-ग्रास के जरिए फर्जी चालान जमा करवाने के राज्य में अब तक 676 मामले सामने आ चुके हैं। अधिकतर मामले जयपुर के पंजीयन कार्यालयों से ही सम्बन्धित हैं। इनके जरिए 7.94 करोड़ रूपए की राजस्व हानि पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग को हुई है। हालांकि विभाग मामलें की उच्चस्तरीय जांच में जुटा हुआ है। अब तक 8 करोड़ रूपए वसूले जा चुके हैं। विभाग के उच्चाधिकारियों को रजिस्ट्री के दौरान ई-ग्रास के जरिए फर्जीवाड़ा कर चालान जमा करवाने की सूचना मिली थी। विभाग ने इसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर मामलों की प्राथमिक जांच की तो सूचना सही पाई गई। कमेटी ने 8 मामले पकड़े। इसके बाद डीआईजी कलक्टर एवं मुद्रांक की टीमों को राज्य भर में जांच के निर्देश दिए गए। विभाग ने एनआईसी की मदद ली। 2017 के बाद के डाटा को खंगाला गया तो कई डाटा मिस मैच मिले। हालांकि जो गड़बडी सामने आई है वह कुल राजस्व का दशमलव 0.1 प्रतिशत है।
विभागीय कर्मचारी भी जांच के दायरे में
ई-ग्रास के जरिए चालान जमा करवाने में विभागीय कर्मचारियों की क्या भूमिका है इसकी भी जांच की जा रही है। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर आईटी एक्सपर्ट तथा वित्तीय अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों की जांच टीम गठित की गई है। यदि कोई कर्मचारी लिप्त है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सॉफ्टवेयर को भी जांचा जा रहा है।
Published on:
12 Oct 2021 10:26 pm
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