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फर्जीवाड़े की हद- वाह सरपंच साहिबा, अपने जन्म के सात साल बाद ही हो गया बच्चा

सरवीना सरपंच मुन्नीदेवी की ओर से चुनाव नामांकन के दौरान दी गई सूचनाएं अब फर्जी निकल रही हैं। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में कई खुलासे हुए हैं।

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fake marksheet

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सरवीना सरपंच मुन्नीदेवी की ओर से चुनाव नामांकन के दौरान दी गई सूचनाएं अब फर्जी निकल रही हैं। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में कई खुलासे हुए हैं।

सरवीना सरपंच ने आठवीं बोर्ड की परीक्षा का जिस स्कूल का प्रमाण पत्र व अंक तालिका नामांकन के दौरान लगाई है, वह झूठी निकली। जिस सत्र की अंक तालिका लगाई, उस सत्र में स्कूल पर ताले लटके थे।

इतना ही नहीं सरपंच ने अपनी जन्म तिथि के महज सात साल के अंतराल में अपनी बेटी का जन्म भी दर्शा दिया। उस समय बेटी भी आठवीं कक्षा में थी। सरवीना के ही ग्रामीण की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी में इस मामले का खुलासा हुआ।

चुनाव आयोग को दिए अपने शपथ पत्र में सरवीना सरपंच ने पांच बच्चों का खुलासा किया है, जबकि राजकीय माध्यमिक स्कूल सरवीना से आरटीआई में दी जानकारी में सरपंच के छह बच्चे स्कूल में पढ़ रहे है। इस मामले में जवाजा थाना पुलिस ने फिर से जांच शुरू कर दी है।

अंक तालिका ही फर्जी

सरवीना सरपंच मुन्नीदेवी ने चुनाव नामांकन के दौरान सुमेल गांव स्थित ओशोज लिटिल फ्लॉवर उच्च प्राथमिक स्कूल से आठवीं बोर्ड पास करने की अंक तालिका लगाई है। इसमें रजिस्टर क्रमांक 195/ पाली/2003 अंकित है। मुन्नीदेवी का रोल नम्बर 431 है। अंकतालिका में जन्मतिथि 15 फरवरी 1979 लिखी है।

थोक में बटी अंक तालिका

पंचायत चुनावों में सुमेल स्थित ओशोज लिटिल फ्लॉवर उच्च प्राथमिक स्कूल से आठवीं बोर्ड की अंक तालिका थोक में बंटी। यहां से सत्र 2010 से सांवरसिंह, तुलसीबाई, रोहित गुर्जर सहित कई लोगों के नाम अंक तालिकाएं जारी हुई।

अपने जन्म के सात साल बाद होते गए बच्चे

सरवीना सरपंच मुन्नीदेवी की अंक तालिकाओं में जन्म तिथि 15 फरवरी 1979 अंकित है। वहीं सरवीना के राजकीय माध्यमिक विद्यालय से आरटीआई के तहत जारी सूचना में मुन्नीदेवी की सबसे बड़ी बेटी निर्मला की जन्मतिथि 5 जुलाई 1986 लिखी हुई है। ऐसे में अपने जन्म के महज सात साल बाद सरपंच के बेटी होने के साथ ही आठवीं में अध्ययनरत कैसे हो सकती है।

पांच नहीं छह हैं बच्चे

सरपंच मुन्नीदेवी ने नामांकन पत्र में अपने पांच बच्चे बताए हैं, जबकि सरवीना स्कूल में छह बच्चों का नामांकन है। इसमें 5 जुलाई 1986 में जन्मी निर्मला, 1 जुलाई 1990 को संतोषङ्क्षसह, 1 अक्टूबर 1989 को सुनीता बाई, 20 मार्च 1992 को कंचन कंवर, 1 जून 1994 को रेखा तथा 26 मई 1995 की जन्मतिथि के राजेशसिंह का नामांकन स्कूल में दर्ज है। इन सभी बच्चों में तीन बच्चों का जन्म माह की पहली तारीख को दर्शाया गया है।

आरटीआई में खुलती गई परतें

सरवीना ग्रामीण की ओर से विभिन्न सरकारी कार्यालयों से सरपंच मुन्नीदेवी व स्कूल के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो परतें खुलती गई। सुमेल पंचायत की ओर से आरटीआई में मांगी जानकारी में सरपंच भंवरीदेवी मेघवाल ने बताया कि जिस समय अंक तालिकाएं जारी की गई उस समय पंचायत में स्थित स्कूल पर ताले लटके थे। इसके बावजूद इन्हें अंक तालिका जारी कर दी गई। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक ने भी स्कूल को मान्यता सत्र 2012 से 2016 तक तीन साल के लिए दी थी।

इस मामले की जानकारी मिली है। यहां मामला दर्ज हो रखा है। अभी पदभार ग्रहण किया है। इस मामले में फिर से जांच शुरू कर दी है।

केसरसिंह नरुका, थानाधिकारी, जवाजा

चुनाव में हार चुके विरोधियों की साजिश है। पहले भी जो जानकारी मांगी गई थी वह बता दी। सभी जानकारी सही है। स्वयंपाठी की अंक तालिका भी सही है। जांच होगी तो करवा लेंगे।

मुन्नीदेवी सरपंच, ग्राम पंचायत सरवीना