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अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 812 वें उर्स (Garib Nawaz URS)का झंडा सोमवार को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया। भीलवाड़ा के लाल मोहम्मद गौरी के पोते फखरुद्दीन यह रस्म अदा की। इसके साथ उर्स की औपचारिक शुरुआत हो गई।
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का 812 वां उर्स विधिवत रूप से रजब का चांद दिखाई देने पर विधिवत शुरू होगा होगा। इससे पहले सोमवार को ख्वाजा साहब की दरगाह के बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा चढ़ाने की रस्म हुई। भीलवाड़ा के लाल मोहम्मद गौरी के पोते फखरुद्दीन झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की। गौरी परिवार 1944 से यह रस्म निभाता आ रहा है।
उर्स की औपचारिक शुरुआत
बुलंद दरवाजे पर झंडे की रस्म के साथ उर्स की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है। अब अकीदतमंद की आवक धीरे-धीरे बढ़ेगी। रजब का चांद दिखने के बाद उर्स विधिवत शुरू होगा। इसके साथ दरगाह में गरीब नवाज के अकीदतमंद की तादाद बढ़ती चली जाएगी। उर्स के दौरान विभिन्न रसूमात और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
कलंदर पेश करेंगे छडिय़ां
महरौली शरीफ से पैदल रवाना हुए कलंदर गंज स्थित चिल्ले पर ठहरेंगे। वे यहां से छडिय़ों का जुलूस निकालेंगे। इस दौरान कलंदर हैरत अंगेज करतब पेश करते चलेंगे। ख्वाजा साहब के उर्स के दौरान वे अजमेर शरीफ में ही रहेंगे। उर्स में छोटे कुल की रस्म के दौरान वे विभिन्न पारम्परिक रसूमात अंजाम देंगे ।
कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त
उपखंड अधिकारी शिवाक्षी खांडल बुलन्द दरवाजा और दरगाह शरीफ, रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा दरगाह गेस्ट हाउस, लंगरखाना गली एवं निजाम गेट के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट तैनात किया गया।
Published on:
08 Jan 2024 09:03 pm
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