
Pakistani pilgrims visit ajmer for 812th URS
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 812 वें उर्स में पाकिस्तानी जायरीन का जत्था आएगा। पाकिस्तान के धार्मिक मामलों और अंतर्धार्मिक सद्भाव मंत्रालय में करीब 500 जायरीन ने वीजा के लिए आवेदन किया है। इनमें से करीब 450 को अनुमति दी गई है। उधर रेलवे स्पेशल ट्रेन और प्रशासन जायरीन के ठहराव और सुरक्षा इंतजाम को लेकर अलर्ट हो गया है।
1974 में भारत और पाकिस्तान द्वारा हस्ताक्षरित धार्मिक स्थलों की यात्राओं के प्रोटोकॉल के तहत दोनों देश तीर्थयात्रियों को यात्रा करने की अनुमति देते हैं। इसके तहत पाकिस्तान जायरीन का जत्था ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स में शामिल होता है।
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पिछले साल ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स में पाक जायरीन आए थे। पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा और कड़ी निगरानी में रखा। पहली बार है जब पाक जायरीन को चिप लगे पहचान पत्र दिए। इससे ना केवल उनकी आवाजाही पर नजर रखी गई, बल्कि वह कब और कहां गए सहित उनकी तमाम गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियां नजर बनाए हुए थीं।
पुलिस प्रशासन की ओर से उर्स में आए 240 पाक जायरीन को सुरक्षा कारणों के चलते ऑनलाइन नेटवर्क में रखकर निगरानी रखी गई। पाक जायरीन को दिए पहचान पत्र में एक नेटवर्क प्रदाता कम्पनी की चिप लगाई गई, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की ओर से पाक जायरीन की कैम्प से बाहर जाने और आने के समय के साथ उनकी मौजूदगी की दरगाह क्षेत्र की लोकेशन को ऑनलाइन देखा जा रहा था।
निगरानी रहती है परेशानी
पूर्व में जायरीन की भीड़ में पाक जायरीन के इधर-उधर होने और वीजा नियमों के उल्लंघन की गतिविधियां अंजाम देने की शिकायतें आती थीं। उर्स में आए पाक जायरीन सरवाड़ शरीफ और पुष्कर तक चले जाते थे, जबकि उनका वीजा अजमेर नगर निगम सीमा का होता है। इससे पुलिस प्रशासन व सुरक्षा एजेंसियों को खासी मशक्कत करनी पड़ती थी।
Published on:
09 Jan 2024 06:27 pm
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