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Good News: अहम है राजस्थान का यह शहर, पांच साल बाद नजर आया यहां पैंथर

विभाग वन्य जीव गणना की विस्तृत रिपोर्ट एक-दो दिन में तैयार करेगा।

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panther attack

उदयपुर में पैंथर से लोगेां में दशहत File Picture

अजमेर.

वन विभाग की गणना में पांच साल में पहली बार जिले में पैंथर नजर आया। राजगढ़ इलाके में बच्चे के साथ मादा पैंथर दिखी। कुंडाल में भी पैंथर चिन्हित हुआ। पहाड़ी इलाकों में सियार, बिज्जू, साही, नेवला और अन्य वन्य जीव चिन्हित किए। विभाग वन्य जीव गणना की विस्तृत रिपोर्ट एक-दो दिन में तैयार करेगा।

किशनगढ़ में गूंदोलाव झील, ब्यावर में सेलीबेरी, माना घाटी, पुष्कर में गौमुख पहाड़, बैजनाथ मंदिर, नसीराबाद में सिंगावल माताजी का स्थान, सरवाड़ में अरवड़, अरनिया-जालिया के बीच, राजगढ़, कुंडाल, सावर-कोटा मार्ग, अजयपाल बाबा मंदिर, गौरी कुंड, चौरसियावास तालाब, आनासागर, फायसागर, चश्मा ए नूर, नरवर सहित 84 वाटर हॉल पर वन्य जीवों की गणना हुई। कार्मिकों को खरगोश, नेवले, मोर, अजगर, जलमुर्गी, बिज्जू, सियार, लोमड़ी, और अन्य जीव नजर आए। कुंडाल क्षेत्र में भालू भी दिखाई दिया है। गणना के दौरान रेंजर, फॉरेस्ट के साथ वन्य जीव प्रेमियों और कार्मिकों ने मोर्चा संभाला।

दिखी राजगढ़ में मादा पैंथर
वनकर्मियों को राजगढ़ इलाके में बच्चे के साथ मादा पैंथर नजर आई। इसके अलावा कुंडाल इलाके में भी पैंथर चिन्हित किया गया। वन्य जीव गणना में पांच साल बाद पैंथर देखकर कर्मचारी उत्साहित हो गए। विभागीय निर्देशानुसार उन्हें फोटो भी लिए। इसके अलावा अजमेर मंडल के ब्यावर, मसूदा और जवाजा क्षेत्र पर विभाग की विशेष नजरें हैं। पहाड़ी इलाका और पेड़-पौधों के कारण इन इलाकों में अक्सर पैंथर दिखता रहा है।

कर्मचारी जुटे रिपोर्ट बनाने में
रविवार सुबह 8 बजे तक वन्य जीवों की गणना का काम चला। विभिन्न इलाकों में गए कर्मचारियों का लौटना शुरू हो गया है। कर्मचारी रिपोर्ट बनाने में जुटे हैं। वन्य जीवों की सूचनाओं का संकलन कर रिपोर्ट तैयार होगी। बाद में इसे वन मुख्यालय जयपुर भेजा जाएगा।


इस बार राजगढ़ और कुंडाल इलाके में पैंथर दिखा है। वन्य जीव गणना की विस्तृत रिपोर्ट एक-दो दिन में तैयार होगी।
सुदीप कौर उप मुख्य वन संरक्षक