
हाईटेक हो रही अब गोशालाएं, क्यू आर कोड से ले रहे दान
अजमेर. समय के साथ अब गोशालाएं भी हाइटेक होती जा रही हैं। कभी दुकानों के बाहर पेटियां लगाकर गोवंश के लिए दान लिया जाता था। अब इसके लिए तकनीक का इस्तेमाल कर दान लिया जा रहा है। यही वजह है कि अब दुकानों के बाहर भी दान पेटी की जगह क्यू आर कोड के स्टीकर लगे नजर आ रहे हैं।मकर संक्रांति को दान-पुण्य का पर्व माना जाता है। बड़ी संख्या में लोग इस दिन गोवंश के लिए दान करते हैं। अजमेर की कई गोशालाओं ने इसके लिए दान की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।
श्री पुष्कर गोआदि पशुशाला के सचिव संजय अत्तार ने बताया कि गोशाला करीब 116 वर्ष पुरानी है। यहां करीब 650 गोवंश है। रोज कई क्विंटल चारा चाहिए होता है। कई लोगों का स्टाफ व्यवस्था के लिए है। गोशालाएं दान से ही संचालित होती है। कई लोग दान करना चाहते हैं, लेकिन गोशालाओं तक नहीं पहुंच पाते हैं। इसके लिए हमने क्यू आर कोड बना लिया है। पहले पेटियां लगाई जाती थीं। अब हम स्टीकर अपने सदस्यों और दुकानदारों के यहां लगा रहे हैं, ताकि लोग आसानी से दान कर सकें। मकर संक्रांति पर हम ऐसा पहली बार कर रहे हैं।श्री सीता गोशाला पहाड़गंज के उपाध्यक्ष गिरधारीलाल मंगल ने बताया कि अब हर चीज ऑनलाइन मिल रही है तो गोशालाओं में दान भी ऑनलाइन होना चाहिए। गोशाला करीब 100 साल पुरानी होगी। दान के लिए हमने ऑनलाइन व्यवस्था की है। क्यू आर कोड भेज देते हैं। उस पर लोग दान कर देते हैं। गोशाला के खाते में रुपए पहुंच जाते हैं, जिसे खाते की डिटेल चाहिए। उन्हें डिटेल भेज देते हैं।
... ताकि मिलता रहे दानगोशालाओं में दान लगातार प्राप्त होता रहे। इसके लिए कई दुकानों पर पेटियां लगाई जाती हैं। इनमें अधिकांशत: छोटी राशि डाली जाती है, लेकिन अब उनकी जगह स्टीकर या क्यू आर कोड ले रहे हैं।
गोशाला गोवंश
श्रीपुष्कर गो आदि पशुशाला : 650श्री सीताराम गोशाला : 300
श्री आनंद गोपाल गोशाला : 225
Published on:
11 Jan 2023 09:52 pm
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