
सावन के आखिरी सोमवार कुछ यूं झुमके बरसे बदरा, शहर को किया तरबदर
अजमेर. सावन की घटाओं ने सोमवार शहर को जमकर भिगोया। कभी तेज बरसात तो कभी बूंदाबांदी ने शहर को तरबतर कर दिया। कई जगह सड़कों पर पानी इक हो गया। नाले-नालियों में भी पानी बहता नजर आया। बरसात के चलते मौसम में ठंडक रही। सुबह से छाए घनघोर बादलों ने करीब 9 बजे चुप्पी तोड़ी। शहर के माकड़वाली रोड, आनंद नगर, पंचशील, वैशाली नगर, शांतिपुरा, आनासागर लिंक रोड, फायसागर और आसपास इलाकों में तेज बरसात ने भिगोया। कायड़, लोहागल रोड, घूघरा घाटी, जयपुर रोड, सिविल लाइंस सहित अन्य इलाकों में भी बरसात हुई।
सड़कों पर भरा पानी
बरसात से कई जगह सड़कों पर पानी भर गया। जयपुर रोड पर भूणाबाय, राजस्थान लोक सेवा आयोग के आसपास सड़कों पर पानी हिलोरें मारता रहा। इसके अलावा नालों और नालियों से बहता पानी भी सड़कों पर भर गया।
कई जगह तेज फुहारें
सुबह से शाम तक शहर के कई इलाकों में कभी तेज तो कभी हल्की बरसात का दौर चला। जाते सावन में इंद्रदेव पहली बार दिनभर टपका-टपकी होती रही। मालूम हो कि 28 जुलाई को सावन माह शुरू होने के बावजूद 8 अगस्त तक बारिश का अता-पता नहीं था। कम बारिश के चलते जिले के अधिकांश जलाशयों और तालाबों में पानी की आवक नहीं हुई है। आनासागर, फायसागर, पुष्कर सरोवर और एकाध जलाशयों के अलावा कई जगह नाममात्र का पानी भी नहीं है।
पिछली बार हुई थी 340 मिमी बारिश
पिछले साल मानसून की स्थिति ठीक थी। साल 2017 में 20 अगस्त तक जिले में 340 मिलीमीटर औसत बरसात हो चुकी थी। जबकि इस साल यह आंकड़ा 234.47 मिलीमीटर पर ही अटका हुआ है। आंकड़े के लिहाज से इस बार 151.96 मिलीमीटर बरसात कम हुई है।
मानसून के 41 दिन बाकी
मानसून आषाढ़, सावन, भादों और आसोज तक (1 जून से 30 सितम्बर) सक्रिय रहता है। इस लिहाज से मानसून के सिर्फ 41 दिन ही शेष हैं। जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर मानी जाती है। कम बरसात हुई तो लगातार सातवें साल जिला बरसात औसत बरसात के आंकड़े से दूर रहेगा।
Published on:
20 Aug 2018 08:55 pm
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