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11 जिलों के विद्युत तंत्र में 1 लाख 20 हजार मौत के मुहानेे,दुरस्त करने में जुटा डिस्कॉम

41 हजार 560 जगहों पर हुआ समाधान 79 हजार 275 जगहों पर हाईरिस्क प्वांइट शेष 31 जुलाई तक सुधारने के निर्देश अजमेर डिस्कॉम

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Ajmer Discom'

अजमेर डिस्कॉम

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. अजमेर विद्युत वितरण निगम ajmer discom के तहत आने वाले 11 जिले के विद्युत तंत्र electrical system में 1 लाख 20 हजार 835 हाई रिस्क प्वाइंट मौत के मुहाने के रूप में चिन्हित किए हैं। इनमें से अब तक 41 हजार 560 हाई रिक्त प्वाइंट को सुधारा जा चुका है। 79 हजार 275 जगहों पर यह हाईरिस्क प्वांइट Highrisk points विद्युत कर्मियों तथा आमजन के लिए खतरा बने हुए हैं। हाईरिस्क पॉइंट को तार और टुडे झुके हुए खंबे इत्यादि के आधार पर बांटा गया है। गौरतलब है कि निगम ने गत वर्ष जालौर के पास हुई दुर्घटना में लोगों की मौत के बाद हाईरिस्क पॉइंट को चिन्हित कर उन्हें सुधारने repairing का कार्य चालू किया है।

51 हजार 975 जगहों पर गार्डनिंग वायर नहीं

निगम क्षेत्र के तहत आने वाले जिलों में 51 हजार 975 स्थानों पर गार्डनिंग नहीं होने सामने आया है। गार्डिंग वायर विद्युत लाइन को टूटने की स्थिति में सीधे जमीन पर नहीं गिरने देता है जिससे जमीन पर करंट नहीं फैलता है। निगम ने 11 हजार 342 स्थानों पर यह कार्य पूर्ण किया है। सर्वाधिक 20 हजार 940 स्थान उदयपुर संभाग में चिन्हित किए गए हैं जिनमें से 6170 स्थानों को दुरुस्त किया गया है। अजमेर संभाग में 15 हजार 206 स्थानों में से 4523 स्थानों पर गार्डिंग लगाई गई है। झुंझुनू संभाग में 15 हजार 650 में से केवल 650 स्थानों पर गार्डनिंग कार्य पूरा हो सका है। नागौर और भीलवाड़ा में सर्वाधिक दोनों ही स्थानों पर 5 हजार 5 सौ स्थानों पर गार्डिंग नहीं है। नागौर में 1035 और भीलवाड़ा में 859 स्थानों को दुरुस्त किया गया।

8371 जगह तारों की दूरी मानकों के अनुसार नहीं

निगम में 8 हजार 371 स्थानों पर विद्युत तारों की दूरी सुरक्षा मानकों के हिसाब से नहीं है इनमें से कुल 3700 जगहों पर इसे दुरुस्त किया गया है। अजमेर संभाग में सर्वाधिक 3884 स्थानों पर लाइनों की दूरी सुरक्षा मानकों से कम पाई गई है इनमें से 1746 स्थानों को लाइन सही की गई है। उदयपुर संभाग में 2124 स्थानों मैं से 1346 स्थानों पर विद्युत लाइनों की दूरी सही की गई है। झुंझुनू संभाग में 363 में से 613 स्थानों की दूरी सही की गई है।1915 ट्रांसफार्मर की अर्थिंग सही नहीं

निगम के 1 हजार 915 ट्रांसफार्मर ऐसे चिन्हित किए गए हैं जहां पर अर्थिंग सही नहीं है। इनमें से 1473 स्थानों पर यह सही कर ली गई है। अजमेर से संभाग में सर्वाधिक 1746 ट्रांसफार्मर से चयनित किए गए हैं। उदयपुर संभाग में 1343 में से 687 स्थान और झुंझुनुं संभाग में 302 में से 252 स्थान चिन्हित कर दुरुस्त किए गए हैं।

31 हजार 798 खंभे लगाए अधिक दूरी पर

निगम में 31 हजार 798 स्थानों पर खंबे निर्धारित से अधिक दूरी पर पाए गए। इनमें से 9 हजार 771 स्थानों पर अतिरिक्त खंबा लगाकर यह दूरी सुरक्षित की गई है। सर्वाधिक 13 हजार 841 खंबे उदयपुर संभाग में तय दूरी से अधिक स्थान पर पाए गए जिनमें से 11062 स्थानों पर दूरी को सही किया गया। अजमेर संभाग में 9456 में से 4504 स्थानों को और झुंझुनू संभाग में 8501 में से 1205 स्थानों को सही किया गया।

9250 जगहों पर तार ढीले

निगम में कुल 9 हजार 250 स्थानों पर तार ढीले पाए गए। इनमें से अभी तक 4928 स्थानों पर सुधार किया गया। सर्वाधिक ढीले तार उदयपुर संभाग में 3334 स्थानों पर पाए गए थे जिनमें से 1679 स्थानों को सही किया गया। झुंझुनू संभाग में 3131 और अजमेर संभाग में 2784 में से 2118 स्थानों को चिन्हित कर सही किया गया।

7097 खंभे टेढ़़

निगम में कुल 7097 खंभे झुके हुए पाए गए। इनमें से 4167 स्थानों पर इन्हें सही किया गया। सर्वाधिक झुके हुए खंभे अजमेर संभाग में 2560, उदयपुर में 2542, झुंझुनू संभाग में 1995 स्थानों में से क्रमश: 1912, 1493 और 762 खंभों को सही किया गया।

15056 स्टे वायर में इंसुलेटर नहीं

निगम में 15 हजार 56 स्थानों पर स्टे वायर यानी तान वाले तारों में जो कि खंभों के सपोर्ट के लिए लगाए जाते हैं इनमें इंसुलेटर नहीं पाया गया है। यह तान में करंट का प्रवाह रोकते हैं। अजमेर संभाग में सर्वाधिक 6514 झुंझुनू संभाग में 5166 उदयपुर संभाग में 3366 स्थानों पर स्टे इंसुलेटर नहीं पाया गया इन स्थानों में से क्रमश: 3205,906 और 1294 स्थानों पर इंसुलेशन सही किया गया

354 पिलर बॉक्स जलभराव क्षेत्र में

निगम के 354 स्थानों पर पिलर बॉक्स तथा ट्रांसफार्मर के पास जलभराव की समस्या है इनमें से 163 स्थानों पर इस समस्या का निस्तारण किया कि जा चुका है।

तो कैसे बिल हो रहे पास

हाईरिस्क प्वांइट के लिए निगम के अभियंता ही जिम्मेदार है। नियमानुसार काम होने की जांच करना उन्हें के जिम्मे है। उनकी रिपोर्ट के बाद ही ठेकेदारों के बिल पास होते है। उनकी लापरवाही का ठेकेदार जमकर फायदा उठा रहे हैं। कहीं सामान ही नहीं लगाया जाता तो कहीं उसकी मात्रा कम कर दी जाती है।

इनका कहना है

सभी जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को 31 जुलाई तक सुधारने के निर्देश दिए हैं, जिससे विद्युत जनित दुर्घटनाओं से बचा जा सके। कर्मचारियों तथा आमजन की सुरक्षा निगम की प्राथमिकता है।

वी.एस.भाटी, प्रबन्ध निदेशक अजमेर डिस्कॉम

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