
युवाओं को मिलेगा रोजगार
हिमांशु धवल
अजमेर. सरकार की कामधेनु डेयरी योजना गरीब की पहुंच से दूर है। इसके कड़े नियम और शर्तों के कारण यह सिर्फ साधन-सम्पन्न लोगों तक ही सिमट कर रह गई है। हालांकि योजना के तहत बैंक से लागत की 90 प्रतिशत राशि तक लोन की सुविधा है, लेकिन एक एकड़ जमीन और बैंक गारंटी के चलते कमजोर माली हालत वालों के लिए यह दूर की कौड़ी है।
गीर नस्ल की 30 गायों की शर्त
राज्य सरकार के गोपालन विभाग द्वारा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और देशी दुधारू गायों के पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कामधेनु डेयरी योजना प्रारंभ की है। इसमें 30 देशी गीर नस्ल की गाय से डेयरी शुरू करने की शर्त है। प्रथम और द्वितीय चरण में 15-15 दुधारू गाय लानी होंगी। डेयरी प्रोजेक्ट पर करीब 36 लाख रुपए की लागत आएगी। इसमें 90 प्रतिशत बैंक से लोन ले सकेंगे और 10 प्रतिशत पशुपालक को स्वयं वहन करना होगा। समय पर लोन चुकाने पर राज्य सरकार की ओर से 30 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। इन शर्तों के चलते योजना का दायरा साधन-सम्पन्न लोगों तक ही सिमट कर रह जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
यह हो तो बने बात
- 30 गायों के स्थान पर 10 गायों से शुरू हो योजना।
- एक एकड़ जमीन की बाध्यता को कम किया जाए।
- 36 लाख के स्थान पर लोन की सीमा कम की जाए।
- नए लोगों को जुडऩे के लिए प्रशिक्षण दिया जाए।
जिले से होता है दो का चयन
योजना के तहत प्रतिवर्ष दो लोगों का चयन किया जाना है। इसमें एक एससी वर्ग और एक सामान्य संवर्ग का होना चाहिए। पिछले साल 8 लोगों ने आवेदन किए। इसमें एक भी एससी वर्ग का नहीं था। इसी प्रकार 2020-21 के लिए 17 लोगों ने आवेदन किए हैं। इसमें से एससी वर्ग का सिर्फ एक आवेदक है।
इनका कहना है...
केन्द्र सरकार की कामधेनु योजना के तहत इस वर्ष 17 लोगों ने आवेदन किए हैं। इसमें से एससी वर्ग के आवेदक सहित चार लोगों के प्रस्ताव बनाकर फील्ड निरीक्षण कर निदेशालय भेज दिए हैं। जिला गोपालन समिति के माध्यम से दो का चयन किया जाना है।
- डॉ. अजय अरोड़ा
संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग अजमेर
Published on:
12 Aug 2020 04:35 pm
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