हिमांशु धवल
अजमेर। आयुर्वेद
विभाग की पांचों रसायनशालाएं (फार्मेसी) एक मशीन ऑपरेटर के भरोसे चलेंगी। ऑपरेटर भी
गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। बीमारी के चलते विभाग उससे ज्यादा काम नहीं करा सकता।
ऑपरेटरों की लगातार सेवानिवृत्तियों से फार्मेसी की हालत खस्ता है।
आयुर्वेद विभाग की राज्य में उदयपुर, भरतपुर, जोधपुर एवं अजमेर में
राजकीय आयुर्वेद रसायनशाला स्थापित है। पांचवीं रसायनशाला केलवाड़ा में पिछले वर्ष
ही स्वीकृत हुई है। केलवाड़ा को छोड़ सभी रसायन शालाओं में 13-13 औषधियों बनती हैं।
इनमें बनी औषधियां प्रदेश के राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालयों, औषधालयों में भेजी जाती
हैं। कई आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने में मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। मशीनों
के संचालन के लिए प्रत्येक फार्मेसी में मेडिसिन मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेटर (मशीन) पद
सृजित है। इन पदों पर लम्बे समय से भर्ती नहीं होने से कर्मचारियों की लगातार
सेवानिवृत्तियां होती रहीं। गत 31 अगस्त को अजमेर की फार्मेसी से सीनियर मेडिसन
मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेटर ज्ञान प्रकाश कटारिया सेवानिवृत्त हो गए। उनके बाद पूरे
विभाग में एक ही ऑपरेटर सेवारत है।
नहीं ले सकते ज्यादा काम
मशीन ऑपरेटर
गंभीर बीमारी से ग्रसित है। महकमा उससे ज्यादा काम नहीं करा सकता है। ऑपरेटर पर
पांच फार्मेसियों की जिम्मेदारी बढ़ने से विभाग की सांसें फूली हुई है। अव्वल तो
विभाग निजी स्तर निविदा आमंत्रित कर ऑपरेटर नहीं रख सकता, उस पर ऑपरेटर पद पर नई
भर्तियों की उम्मीद नहीं है।
यह हैं फार्मेसी में मुख्य मशीनें
फार्मेसी में
मशीन ऑपरेटर (मशीन) चूर्ण बनाने वाली मशीन पल्वलाइजर, औषधि को दरदरा करने के लिए
डिस इंटीग्रेटर, अर्क बनाने के लिए बॉयलर एवं टेबलेट बनाने वाली मशीन को ऑपरेटर
करते हैं।
इनका कहना है..
निदेशक को लिखित में अवगत कराया जा चुका है।
वर्तमान में जो कार्यरत है वह बीमार है। नई भर्ती फिलहाल नहीं हो रही है।
कर्मचारियों ने अनुभव के आधार पर मश्ीन चलाना सीख लिया है। नई भर्ती नहीं होने तक
विभाग मशीन ऑपरेटरों को संविदा पर रखने का प्रयास कर रहा है।
डॉ. प्रदीप
श्रीवास्तव, मैनेजर आयुर्वेद फार्मेसी
पांच फार्मेसी, एक ऑपरेटर
केलवाड़ा में मेडिसन मैनिफेक्चरिंग मशीन ऑपरेटर कार्यरत है अब उसके पास अजमेर,
उदयपुर, जोधपुर और भरतपुर की फार्मेसी की जिम्मेदारी आ गई है। मुख्य ऑपरेटर के
अतिरिक्त फार्मेसियों में हेल्पर और श्रमिक कार्यरत हैं। उन्हें मशीनों के संचालन
और रखरखाव का खास अनुभव नहीं है। दवाएं बनाते वक्त मुख्य मशीन ऑपरेटर की मौजूदगी
जरूरी है। उसकी गैर मौजूदगी में मशीनों में खराबी अथवा कोई हादसा होने पर विभाग की
मुसीबतें बढ़ सकती हैं।