अब सचिव स्तर पर ही हो सकेगा निपटारा शहर के सैकड़ों लोगों को मिलेगा लाभ
भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. अजमेर विकास प्राधिकरण व अन्य स्थानीय निकायों से भूखंड खरीदने और उसके विवादित होने के कारण वर्षो से धक्के खा रहे लोगों को अपने भूखंड मिलने का रास्ता आसान हुआ है। अब ऐसे विवादित भूखंडों के बदले वैकल्पिक भूखंड आवंटित करने की कार्रवाही स्थानीय निकाय स्तर पर ही की जाएगी।
सरकार ने जारी किया मार्ग दर्शन
नगरीय विकास विभाग ने 31 दिसम्बर 2021 को मार्ग दर्शन जारी किया कि प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं में आवंटियो को रियायती दरों से आवंटित आवासीय भू-खंड अथवा नीलामी में खरीदे गए आवासीय भूखंडों एंव नीलामी से बेचे गए व्यावसायिक भूखंडों जिनकी सम्पूर्ण कीमत स्थानीय निकाय में निर्धारित समय में जमा होने के बाद भी कतिपय भूखंडों का भौतिक कब्जा नहीं दिया जा सकता है या दिया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे प्रकरणों में वैकल्पिक भूखंड आवंटन के लिए सक्षम अधिकारी यथा प्राधिकरण / नगर विकास न्यास के प्रकरणों में सचिव एंव नगर निगम / परिषद / पालिका के प्रकरण में आयुक्त / अधिशाषी अधिकारी का यह अभिमत बनता है कि आवंटी / परिवादी को आवंटित भूखंड का एक वर्ष से ज्यादा समय से भौमिक कब्जा दिया जाना संभव नहीं हो पाया है तो ऐसे प्रकरण तैयार कर प्राथमिकता से सम्बन्धित योजना क्षेत्र में ही वैकल्पिक समान क्षेत्र का भूखंड विनियम में आवंटित किया जाए।
पृथ्वीराज नगर में 142 आवंटियों को इंतजार
विवादित भूखंड आवंटित किए जाने के कारण अजमेर विकास प्राधिकरण की पृथ्वीराज नगर योजना में 142 आवंटियों को अब तक कब्जा नहीं दिया जा सका। उन्हें जो भूखंड संख्या दी गई वह धरातल पर ही नहीं है। कई मामलों में मौके पर कोई और काबिज है तो कोई खेती कर रहा है। ऐसे आवंटी वर्षो से प्राधिकरण के धक्के खा रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
अन्य योजनाओं का भी यही हाल
पृथ्वीराज नगर योजना के अलावा प्राधिकरण की डी.डी. पुरम योजना, महाराणा प्रताप नगर योजना भी यही हाल है। आवंटियों को आवंटित किए गए भूखंडों पर कहीं खेती हो रही है तो कहीं मामलो न्यायालयों में वर्षो से लम्बित है। इसकी आड़ में वैकल्पिक भूखंड नहीं दिए जा रहे है।
एडीए ने जारी किए निर्देश
अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त अक्षय गोदारा के अनुसार नगरीय विकास विभाग के मार्गदर्शन की पालना में सचिव अजमेर विकास प्राधिकरण (सक्षम अधिकारी) को निर्देशित किया है कि वे आदेश की पालना में जारी मार्गदर्शन बिन्दुओं के आधार पर वर्तमान में लम्बित एंव भविष्य में प्राप्त होने वाले वैकल्पिक भूखंड आवंटन प्रार्थना पत्रों का परीक्षण कर नियमानुसार वैकल्पिक भूखंड आवंटन सम्बन्धी कार्यवाही पूर्ण करें।